उत्तर प्रदेश के वाराणसी यूनिट के अधिकारी शारदीय नवरात्र मेला-2024 सकुशल सम्पन्न कराने के दृष्टिगत नवरात्र मेला क्षेत्र मे विभिन्न स्थानो पर NCIB के अधिकारी RRF व वाराणसी पुलिस प्रशासन के साथ अपनी सेवाए देते हुए
उत्तर प्रदेश के PROश्री विपिन कुमार सिंह द्वारा दिवाली की पावन अवसर पर गरीब असहाय, पिछड़ी बस्ती में जाकर मिठाई बांट उनके साथ खुशियाँ बांटी। इस कार्य के लिए विपिन सिंह का बहुत-बहुत आभार
उत्तर प्रदेश के PROश्री विपिन कुमार सिंह द्वारा दिवाली की पावन अवसर पर गरीब असहाय, पिछड़ी बस्ती में जाकर मिठाई बांट उनके साथ खुशियाँ बांटी। इस कार्य के लिए विपिन सिंह का बहुत-बहुत आभार
बिग ब्रेकिंग
रेमंड चौक पर एक युवक पर प्राणघातक हमला
तलवार और चाकू से तीन लोगों ने किया हमला
युवक खैरियायगांव राकेश गोनेकर है जो सुबह 9 बजे काम पर जा रहा था।
युवक को किया नागपुर रेफर
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कृष्णा नदी वरून उदगाव ते अंकली जाणाऱ्या पुलावरती वाढले अपघाताचे प्रमाण प्रशासनाचे दुर्लक्ष आत्तापर्यंत १८ बळी
कोल्हापूर: कोल्हापूर व सांगली जिल्ह्यांच्या सीमेवर कृष्णा नदीवरील उदगाव ते अंकली पुलाच्या परिसरात अपघाताचे प्रमाण वाढले आहे यामध्ये सार्वजनिक बांधकाम विभाग व प्राधिकरण विभागाचे दुर्लक्ष असल्याचे दिसून येते गुरुवारी येथील जुन्या पुलावरून चार चाकी गाडी पडून तिघांचा बळी गेल्याने सांगली-कोल्हापूर जिल्ह्यात खळबळ उडालीआहे जानेवारी मध्येही याच पुलावरून कार कोसळली पण सुदैवाने तिघांचा जीव वाचला यापूर्वी ही असीच घटना घडली होती सातत्याने होत असलेल्या अपघातांच्या घटनांमुळे नागरिकांचे बळी जात आहेत आतापर्यंत १८ लोकांचे बळी गेले आहेत या घटनांना कोण जबाबदार उदगाव-अंकली जाणारा हा पूल ब्रिटिश कालीन असुन सुमारे १३५ वर्षाचा पुल आहे त्यासोबत नवीन पूल उभारला आहे असे एकूण या मार्गावर दोन पुल आहेत त्यालगत मिरज कोल्हापूर रेल्वे मार्गाचा पुल असून जुन्या पुलावर अनेक खड्डे पडले आहेत पुलाच्या सुरवातीपासून खड्डे भरून डांबरीकरण करणे गरजेचे आहे त्यामुळे अनेक वाहन चालकांचा वाहनावरील ताबा सुटून अपघात वाढत आहेत दोन्ही बाजूला झाडे झुडपे ही वाढली आहेत तीही काढण्यात आलेली नाहीत पुलाच्या दोन्ही बाजूला कोणत्याही प्रकारे माहिती फलक सूचनाफलक लावलेले नाहीत त्यामुळे वाहन चालकांना वाहन चालविताना रस्त्याचा अंदाज येत नाही त्यामुळे वेगाने वाहन जाऊन अपघात होत आहेत गुरुवारी मध्यरात्री याच जुन्या पुलावरून तुटलेल्या संरक्षण कटड्यातून चार चाकी फुलावरून खाली कोसळल्याने तिघांचा बळी गेला आहे अशा घटना वारंवार घडत असल्यामुळे प्रशासन का दुर्लक्ष करीत आहे अशी चर्चा नागरिकांना मधून होत आहे यामध्ये सार्वजनिक बांधकाम विभाग व राष्ट्रीय प्राधिकरण विभागाने या पुलाचे तुटलेले संरक्षण कटडे दुरुस्ती करणे गरजेचे आहे तसेच रस्त्याच्या दोन्ही पुलाच्या परिसरात पांढरे पट्टे व व दिशादर्शक फलक लावणे व पूल असल्याच्या सुचना व वाहनाची गती दर्शविणे गरजेचे आहे कृष्णा नदीवरील उदगाव ते अंकली पुलावरील संरक्षण कठड्याचे सार्वजनिक बांधकाम विभाग व राष्ट्रीय प्राधिकरण विभागाने दखल घेऊन दुरुस्त करावे अशी मागणी नागरिकातून होत आहे.
PAK सेना ने अफगानिस्तान पर किया हमला, 9 लोगों की मौत 50 से ज्यादा घायल
पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्आतान के आबादी वाले इलाकों में रॉकेट से हमला किया है जिसमें 9 आम नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 50 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। (प्रतिकात्मक तस्वीर)
चार्जशीट दायर करने के बाद भी रद्द हो सकती है FIR : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि चार्जशीट दायर होने के बाद भी आरोपी एफआईआर रद्द करवाने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उच्च अदालत में याचिका दे सकता है। अब तक कानून यही है कि किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दायर हो जाने पर उसमें धारा 482 के तहत एफआईआर रद्द करने की याचिका स्वीकार्य नहीं होती, लेकिन कोर्ट के इस फैसले से आपराधिक न्यायशास्त्र की स्थिति में अभियुक्तों के पक्ष में बड़ा बदलाव आ गया है।
जस्टिस एसए बोब्डे और एल नागेश्वर राव की पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही में एफआईआर की स्टेज पर ही हस्तक्षेप किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट एफआईआर रद्द करने की याचिका को सुन सकता था। यहां तक कि इस याचिका के लंबित रहते यदि चार्जशीट दायर भी हो गई है तो भी इसे सुना जा सकता है।
चार्जशीट के बाद दुरुपयोग और बढ़ जाएगा
कोर्ट ने फैसले में कहा कि धारा 482 में यह कहीं नहीं है, जिसमें कोर्ट को कानून का दुरुपयोग या अन्याय होने से रोकने के लिए सिर्फ एफआईआर की स्टेज पर ही प्रतिबंधित किया हो। यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि हाईकोर्ट धारा 482 के तहत क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर सकता है। यहां तक कि हाईकोर्ट इस कार्यवाही को ट्रायल कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी लंबित होने पर भी जारी रख सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है और अब उसकी रिपोर्ट रद्द करने की याचिका नहीं सुनी जा सकती। इसके उलट एफआईआर के कारण प्रक्रिया का दुरुपयोग उस समय और ज्यादा बढ़ जाएगा, जब यह जांच के बाद चार्जशीट में तब्दील हो जाएगी। इसमें कोई शक नहीं है कि अन्याय तथा प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकने की शक्ति हर कोर्ट को दी गई है।
कोई अपराध साबित नहीं होता
यह फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहता के खिलाफ प्रकरण में कहा कि यह मामला दीवानी प्रकृति का है इसमें कहीं कोई अपराध साबित नहीं होता। हम मानते हैं कि एक करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि को अभियुक्त द्वारा हड़प लेना विशुद्ध रूप से दीवानी मामला है। हम यह भी देख रहे हैं कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने इस राशि को वापस लेने के लिए एफआईआर दर्ज करने के अलावा कोई और प्रयास नहीं किए। इससे साफ है कि यह अभियोजन दुर्भावनापूर्ण, न टिकने योग्य और अभियुक्त को परेशान करने की नीयत से किया गया है।
HomeSupreme Court Judgmentचार्जशीट दायर करने के बाद भी रद्द हो सकती है FIR : सुप्रीम कोर्ट | the law updates |
चार्जशीट दायर करने के बाद भी रद्द हो सकती है FIR : सुप्रीम कोर्ट | the law updates |
Law updatesJuly 26, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि चार्जशीट दायर होने के बाद भी आरोपी एफआईआर रद्द करवाने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उच्च अदालत में याचिका दे सकता है। अब तक कानून यही है कि किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दायर हो जाने पर उसमें धारा 482 के तहत एफआईआर रद्द करने की याचिका स्वीकार्य नहीं होती, लेकिन कोर्ट के इस फैसले से आपराधिक न्यायशास्त्र की स्थिति में अभियुक्तों के पक्ष में बड़ा बदलाव आ गया है।
जस्टिस एसए बोब्डे और एल नागेश्वर राव की पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही में एफआईआर की स्टेज पर ही हस्तक्षेप किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि हाईकोर्टएफआईआर रद्द करने की याचिका को सुन सकता था। यहां तक कि इस याचिका के लंबित रहते यदि चार्जशीट दायर भी हो गई है तो भी इसे सुना जा सकता है।
चार्जशीट के बाद दुरुपयोग और बढ़ जाएगा
कोर्ट ने फैसले में कहा कि धारा 482 में यह कहीं नहीं है, जिसमें कोर्ट को कानून का दुरुपयोग या अन्याय होने से रोकने के लिए सिर्फ एफआईआर की स्टेज पर ही प्रतिबंधित किया हो। यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि हाईकोर्ट धारा 482 के तहत क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर सकता है। यहां तक कि हाईकोर्ट इस कार्यवाही को ट्रायल कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी लंबित होने पर भी जारी रख सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है और अब उसकी रिपोर्ट रद्द करने की याचिका नहीं सुनी जा सकती। इसके उलट एफआईआर के कारण प्रक्रिया का दुरुपयोग उस समय और ज्यादा बढ़ जाएगा, जब यह जांच के बाद चार्जशीट में तब्दील हो जाएगी। इसमें कोई शक नहीं है कि अन्याय तथा प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकने की शक्ति हर कोर्ट को दी गई है।
कोई अपराध साबित नहीं होता
यह फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहता के खिलाफ प्रकरण में कहा कि यह मामला दीवानी प्रकृति का है इसमें कहीं कोई अपराध साबित नहीं होता। हम मानते हैं कि एक करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि को अभियुक्त द्वारा हड़प लेना विशुद्ध रूप से दीवानी मामला है। हम यह भी देख रहे हैं कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने इस राशि को वापस लेने के लिए एफआईआर दर्ज करने के अलावा कोई और प्रयास नहींकिए। इससे साफ है कि यह अभियोजन दुर्भावनापूर्ण, न टिकने योग्य और अभियुक्त को परेशान करने की नीयत से किया गया है।
क्या है मामला
मोहता ने एक संपत्ति विकसित करने के लिए बिल्डर से अनुबंध किया था, लेकिन बाईलाज में पता लगा कि संपत्ति को गगनचुंबी इमारत नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि यह लुटियन जोन में है। इसके बाद उसने बिल्डर को लिखा कि वह संपत्ति विकसित नहीं करवाना चाहता, लेकिन उसने बिल्डर से लिए एक करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि नहीं लौटाई। बिल्डर ने एफआईआर दर्ज करवा दी। इसे रद्द करवाने के लिए मोहता दिल्ली हाईकोर्ट गए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि मामले में प्रारंभिक जांच चल रही है और याचिका रद्द कर दी। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट आए, लेकिन तब तक पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी। कोर्ट में कहा गया कि चार्जशीट दायर होने के बाद एफआईआर रद्द करने की याचिका नहीं सुनी जा सकती।
राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो (NCIB) छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा सैनिक शौर्य सम्मान समारोह का हुआ आयोजन, वतन के पहरेदारों को किया सम्मानित, भारत माता की जयघोष से गूँजा शहर….
खरसिया (रायगढ़) राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो द्वारा वीर जवानों एवं अमर शहीदों का शौर्य-सम्मान समारोह स्थानीय लखीराम आडिटोरियम में आयोजित किया गया। वतन के रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों एवं के पहरेदारों के सम्मान में प्रातः 11:00 बजे विश्रामगृह से देशभक्ति के उत्साहपूर्ण गीतों के साथ रैली निकाली गई, जो प्रमुख मार्गो से होती हुई कार्यक्रम स्थल पहुंची। यह गरिमामय कार्यक्रम राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के प्रदेश निदेशक श्री अनंतराम साहू एवं सह निदेशक श्री उसतरम पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में जिले के संवेदनशील पुलिस कप्तान दीपक झा उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो (NCIB) छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विशिष्ट अतिथि पुलिस कप्तान दीपक झा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सभी देशवासियों को सैनिकों का सम्मान करना चाहिए। साथ हि देशभक्ति के पर्व 15 अगस्त का अवसर चल रहा है, ऐसे में जगह-जगह देशभक्ति गीतों के कार्यक्रम भी आयोजित करने चाहिए। वहीं जहां भी हमें अपने वतन के प्रहरी मिलते हैं, तो उनका सम्मान कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करनी चाहिए। पुलिस कप्तान ने कहा कि वे अपने स्तर से सैनिक तथा सैनिक परिवारों द्वारा प्राप्त शिकायतों को अविलम्ब निस्तारण हेतु दृढ़ संकल्पित है।
राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल श्री सुरेश शुक्ल ने सैनिको को सम्बोधित करते हुए कहा की NCIB सदैव सैनिको एवं सैनिक परिवारों के सेवा में तत्पर है। हमारी संस्था द्वारा सैनिकों को उचित सम्मान देने हेतु जनपद स्तरीय सैनिक शौर्य सम्मान कार्यक्रम का आयोजन करके शहीद सैनिक परिवारों एवं वर्तमान एवं पूर्व सैनिको को सम्मानित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पुलिस कप्तान श्री दीपक झा द्वारा लगभग 50 पूर्व एवं वर्तमान सैनिको के साथ शहीद सैनिक परिवार को प्रसस्तिपत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों, सैनिक, पूर्व सैनिक एवं शहीद सैनिक परिवारजनों के अलावा जिला में कार्यरत राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के कार्यकर्ताओ समेत हजारो लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु राष्ट्रीय प्रमुख श्री भरत त्रिवेदी (गुजरात), संयुक्त निदेशक श्री महेश पांडेय (झारखण्ड), उत्तर प्रदेश निदेशक श्री शरद कुमार राय, झारखण्ड निदेशक श्री दीपम बनर्जी, विपिन कुमार सिंह, मुन्ना कापरी, सुनील कुमार यादव सहित सैकड़ो स्थानीय एवं बाहरी कार्यकर्ताओ ने अपनी अहम भूमिका निभाई।
आंध्रप्रदेश, बिहार ने उठाई विशेष दर्जे की मांग, पीएम मोदी ने दिया आश्वासन
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नीति आयोग की बैठक में आंध्रप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों को विशेष दर्जा प्रदान करने की मांग पर कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के बंटवारे के समय तय किए गए वैधानिक प्रावधानों को अक्षरश: पालन करने को प्रतिबद्ध है. नीति आयोग की प्रबंध समिति की चौथी बैठक के बाद संवददाताओं को बैठक की जानकारी देते हुए आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ राज्यों द्वारा विशेष दर्जा की मांग पर केंद्र सरकार का रुख स्पष्ट किया.
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राज्य को विशेष केटेगरी का दर्जा प्रदान करने की अपनी लंबित मांग का मुद्दा उठाया जिसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समर्थन दिया. इस पर प्रधानमंत्री ने उन्हें वैधानिक प्रावधानों का पालन करने का आश्वासन दिया.
राजीव कुमार ने बताया, “कुछ राज्यों ने विशेष दर्जा का मुद्दा उठाया. बातचीत वैधानिक प्रावधानों पर केंद्रित थी, जोकि राज्यों के बंटवारे के समय तय किए गए थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार उन प्रावधानों का अनुपालन अक्षरश: करने को प्रतिबद्ध है.”
राजीव कुमार ने कहा, “विस्तृत योजना तैयार की जा रही है और एमएसपी 1.5 गुना बढ़ाने के प्रधानमंत्री के वादे को पूरा करने के लिए राज्यों को कई विकल्प प्रदान किए जाएंगे.”
कुमार ने कहा कि नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) के अध्यक्ष प्रधानमंत्री ने किसानों के मसलों की जांच-पड़ताल के लिए एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने बताया कि विचार-विमर्श के दौरान राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य तय करने का सुझाव भी दिया गया.
विपक्ष ने की मांग- 50 फीसदी चुनाव EVM और आधा बैलेट पेपर से हो
नई दिल्ली : विपक्षी दलों ने हाल ही में उपचुनावों के दौरान ईवीएम में कथित गड़बड़ी के हवाले से आधा चुनाव ईवीएम से और आधा मतपत्र से कराने की मांग उठाई है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलामनबी आजाद की अगुवाई में विपक्षी दल के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आज शाम चुनाव आयोग से यह मांग करेगा.
चुनाव आयोग के समक्ष मुद्दा उठाएगा विपक्ष
आजाद की अध्यक्षता में आज जनता दल यू, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल के नेताओं की बैठक में ईवीएम की गड़बड़ी के मुद्दे को एकजुट होकर चुनाव आयोग के समक्ष उठाने का निर्णय किया गया. बैठक में मौजूद एक नेता ने बताया कि इस साल के अंत तक गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की आधी सीटों पर ईवीएम से और आधी सीटों पर मतपत्र से मतदान कराने की आयोग से मांग करने पर बैठक में सहमति बनी है.
ईवीएम से छेड़छाड़ का विपक्ष का है आरोप
ऐसा होने पर ईवीएम में छेड़छाड़ की लगातार बढ़ रही शिकायतों से समूची निर्वाचन प्रणाली पर उठ रही शंकाओं का भी निराकरण हो सकेगा और मशीनों में छेड़छाड़ नहीं हो सकने के चुनाव आयोग के दावे की पुष्टि हो जायेगी. विपक्षी दल एकजुट होकर भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. जबकि कांग्रेस ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मद्देजनर मशीन के बजाय मतपत्र के इस्तेमाल पर जोर दे रही है.
विपक्ष के नेता उठाएंगे मु्द्दा
एक नेता ने कहा, ‘इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक किसी भी बुनियादी सिद्धांत के उल्लंघन पर तत्काल एवं गंभीरता के साथ कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है.’ संसद भवन परिसर स्थित आजाद के कार्यालय में हुई बैठक में कांग्रेस नेताओं अहमद पटेल, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और विवेक तनखा के अलावा जदयू नेता अली अनवर अंसारी, तृणमूल नेता सुखेंदु शेखर रॉय, बसपा नेता सतीश मिश्रा और सपा नेता नीरज शेखर मौजूद थे. राकांपा नेता मजीद मेमन, माकपा नेता डी राजा और राजद नेता जे पी नारायण यादव भी बैठक में मौजूद थे. सभी नेताओं ने इस मुद्दे को मजबूती से चुनाव आयोग के समक्ष उठाने का निर्णय लिया है.
EVM को बलि का बकरा न बनाएं, बैलेट पेपर को वापस लाने का सवाल ही नहीं : चुनाव आयोग
कोलकाता : देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने चुनावों के लिए बैलेट पेपर को वापस लाने की सभी संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि ईवीएम को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, क्योंकि मशीनें बोल नहीं सकतीं और राजनीतिक दलों को अपनी हार के लिए किसी न किसी को जिम्मदार ठहराने की जरूरत होती है. मर्चेट्स चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित ‘निर्वाचन ईमानदारी और चुनावों में धन की भूमिका’ पर आयोजित एक इंटरएक्टिव सत्र में यहां रावत ने कहा, “प्रणाली की ईमानदारी के बारे में वास्तव में कुछ भी नहीं है, हालांकि जब भी इस मुद्दे पर सवाल उठते हैं, हम स्पष्टीकरण देते हैं.”
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पिछली जुलाई को सर्वदलीय बैठक में घोषित किया था कि आगे से सभी चुनाव वोटर वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों के साथ ईवीएम का प्रयोग करके किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए ईवीएम के साथ वीवीपैट का प्रयोग भी किया जाएगा.
रावत ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम को आसानी से बलि का बकरा बना दिया जाता है, क्योंकि वह बोल नहीं सकती और राजनीतिक दलों को अपनी हार का ठीकरा फोड़ने के लिए किसी न किसी चीज की जरूरत होती है.