PAK सेना ने अफगानिस्तान पर किया हमला, 9 लोगों की मौत 50 से ज्यादा घायल

पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्आतान के आबादी वाले इलाकों में रॉकेट से हमला किया है जिसमें 9 आम नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 50 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। (प्रतिकात्मक तस्वीर)

चार्जशीट दायर करने के बाद भी रद्द हो सकती है FIR : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि चार्जशीट दायर होने के बाद भी आरोपी एफआईआर रद्द करवाने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उच्च अदालत में याचिका दे सकता है। अब तक कानून यही है कि किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दायर हो जाने पर उसमें धारा 482 के तहत एफआईआर रद्द करने की याचिका स्वीकार्य नहीं होती, लेकिन कोर्ट के इस फैसले से आपराधिक न्यायशास्त्र की स्थिति में अभियुक्तों के पक्ष में बड़ा बदलाव आ गया है। 

जस्टिस एसए बोब्डे और एल नागेश्वर राव की पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही में एफआईआर की स्टेज पर ही हस्तक्षेप किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट एफआईआर रद्द करने की याचिका को सुन सकता था। यहां तक कि इस याचिका के लंबित रहते यदि चार्जशीट दायर भी हो गई है तो भी इसे सुना जा सकता है।

चार्जशीट के बाद दुरुपयोग और बढ़ जाएगा  

कोर्ट ने फैसले में कहा कि धारा 482 में यह कहीं नहीं है, जिसमें कोर्ट को कानून का दुरुपयोग या अन्याय होने से रोकने के लिए सिर्फ एफआईआर की स्टेज पर ही प्रतिबंधित किया हो। यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि हाईकोर्ट धारा 482 के तहत क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर सकता है। यहां तक कि हाईकोर्ट इस कार्यवाही को ट्रायल कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी लंबित होने पर भी जारी रख सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है और अब उसकी रिपोर्ट रद्द करने की याचिका नहीं सुनी जा सकती। इसके उलट एफआईआर के कारण प्रक्रिया का दुरुपयोग उस समय और ज्यादा बढ़ जाएगा, जब यह जांच के बाद चार्जशीट में तब्दील हो जाएगी। इसमें कोई शक नहीं है कि अन्याय तथा प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकने की शक्ति हर कोर्ट को दी गई है। 

कोई अपराध साबित नहीं होता

यह फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहता के खिलाफ प्रकरण में कहा कि यह मामला दीवानी प्रकृति का है इसमें कहीं कोई अपराध साबित नहीं होता। हम मानते हैं कि एक करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि को अभियुक्त द्वारा हड़प लेना विशुद्ध रूप से दीवानी मामला है। हम यह भी देख रहे हैं कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने इस राशि को वापस लेने के लिए एफआईआर दर्ज करने के अलावा कोई और प्रयास नहीं किए। इससे साफ है कि यह अभियोजन दुर्भावनापूर्ण, न टिकने योग्य और अभियुक्त को परेशान करने की नीयत से किया गया है।

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चार्जशीट दायर करने के बाद भी रद्द हो सकती है FIR : सुप्रीम कोर्ट | the law updates |

Law updatesJuly 26, 2020

चार्जशीट दायर करने के बाद भी रद्द हो सकती है FIR : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि चार्जशीट दायर होने के बाद भी आरोपी एफआईआर रद्द करवाने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उच्च अदालत में याचिका दे सकता है। अब तक कानून यही है कि किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दायर हो जाने पर उसमें धारा 482 के तहत एफआईआर रद्द करने की याचिका स्वीकार्य नहीं होती, लेकिन कोर्ट के इस फैसले से आपराधिक न्यायशास्त्र की स्थिति में अभियुक्तों के पक्ष में बड़ा बदलाव आ गया है। 

जस्टिस एसए बोब्डे और एल नागेश्वर राव की पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही में एफआईआर की स्टेज पर ही हस्तक्षेप किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि हाईकोर्टएफआईआर रद्द करने की याचिका को सुन सकता था। यहां तक कि इस याचिका के लंबित रहते यदि चार्जशीट दायर भी हो गई है तो भी इसे सुना जा सकता है। 

चार्जशीट के बाद दुरुपयोग और बढ़ जाएगा  


कोर्ट ने फैसले में कहा कि धारा 482 में यह कहीं नहीं है, जिसमें कोर्ट को कानून का दुरुपयोग या अन्याय होने से रोकने के लिए सिर्फ एफआईआर की स्टेज पर ही प्रतिबंधित किया हो। यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि हाईकोर्ट धारा 482 के तहत क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर सकता है। यहां तक कि हाईकोर्ट इस कार्यवाही को ट्रायल कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी लंबित होने पर भी जारी रख सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है और अब उसकी रिपोर्ट रद्द करने की याचिका नहीं सुनी जा सकती। इसके उलट एफआईआर के कारण प्रक्रिया का दुरुपयोग उस समय और ज्यादा बढ़ जाएगा, जब यह जांच के बाद चार्जशीट में तब्दील हो जाएगी। इसमें कोई शक नहीं है कि अन्याय तथा प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकने की शक्ति हर कोर्ट को दी गई है। 

कोई अपराध साबित नहीं होता

यह फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहता के खिलाफ प्रकरण में कहा कि यह मामला दीवानी प्रकृति का है इसमें कहीं कोई अपराध साबित नहीं होता। हम मानते हैं कि एक करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि को अभियुक्त द्वारा हड़प लेना विशुद्ध रूप से दीवानी मामला है। हम यह भी देख रहे हैं कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने इस राशि को वापस लेने के लिए एफआईआर दर्ज करने के अलावा कोई और प्रयास नहींकिए। इससे साफ है कि यह अभियोजन दुर्भावनापूर्ण, न टिकने योग्य और अभियुक्त को परेशान करने की नीयत से किया गया है। 

क्या है मामला 
मोहता ने एक संपत्ति विकसित करने के लिए बिल्डर से अनुबंध किया था, लेकिन बाईलाज में पता लगा कि संपत्ति को गगनचुंबी इमारत नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि यह लुटियन जोन में है। इसके बाद उसने बिल्डर को लिखा कि वह संपत्ति विकसित नहीं करवाना चाहता, लेकिन उसने बिल्डर से लिए एक करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि नहीं लौटाई। बिल्डर ने एफआईआर दर्ज करवा दी। इसे रद्द करवाने के लिए मोहता दिल्ली हाईकोर्ट गए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि मामले में प्रारंभिक जांच चल रही है और याचिका रद्द कर दी। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट आए, लेकिन तब तक पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी। कोर्ट में कहा गया कि चार्जशीट दायर होने के बाद एफआईआर रद्द करने की याचिका नहीं सुनी जा सकती। 

राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो (NCIB) छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा सैनिक शौर्य सम्मान समारोह का हुआ आयोजन, वतन के पहरेदारों को किया सम्मानित, भारत माता की जयघोष से गूँजा शहर….


खरसिया (रायगढ़) राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो द्वारा वीर जवानों एवं अमर शहीदों का शौर्य-सम्मान समारोह स्थानीय लखीराम आडिटोरियम में आयोजित किया गया। वतन के रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों एवं के पहरेदारों के सम्मान में प्रातः 11:00 बजे विश्रामगृह से देशभक्ति के उत्साहपूर्ण गीतों के साथ रैली निकाली गई, जो प्रमुख मार्गो से होती हुई कार्यक्रम स्थल पहुंची। यह गरिमामय कार्यक्रम राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के प्रदेश निदेशक श्री अनंतराम साहू एवं सह निदेशक श्री उसतरम पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में जिले के संवेदनशील पुलिस कप्तान दीपक झा उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो (NCIB) छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विशिष्ट अतिथि पुलिस कप्तान दीपक झा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सभी देशवासियों को सैनिकों का सम्मान करना चाहिए। साथ हि देशभक्ति के पर्व 15 अगस्त का अवसर चल रहा है, ऐसे में जगह-जगह देशभक्ति गीतों के कार्यक्रम भी आयोजित करने चाहिए। वहीं जहां भी हमें अपने वतन के प्रहरी मिलते हैं, तो उनका सम्मान कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करनी चाहिए। पुलिस कप्तान ने कहा कि वे अपने स्तर से सैनिक तथा सैनिक परिवारों द्वारा प्राप्त शिकायतों को अविलम्ब निस्तारण हेतु दृढ़ संकल्पित है।

राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल श्री सुरेश शुक्ल ने सैनिको को सम्बोधित करते हुए कहा की NCIB सदैव सैनिको एवं सैनिक परिवारों के सेवा में तत्पर है। हमारी संस्था द्वारा सैनिकों को उचित सम्मान देने हेतु जनपद स्तरीय सैनिक शौर्य सम्मान कार्यक्रम का आयोजन करके शहीद सैनिक परिवारों एवं वर्तमान एवं पूर्व सैनिको को सम्मानित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पुलिस कप्तान श्री दीपक झा द्वारा लगभग 50 पूर्व एवं वर्तमान सैनिको के साथ शहीद सैनिक परिवार को प्रसस्तिपत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों, सैनिक, पूर्व सैनिक एवं शहीद सैनिक परिवारजनों के अलावा जिला में कार्यरत राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के कार्यकर्ताओ समेत हजारो लोग मौजूद थे।

कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु राष्ट्रीय प्रमुख श्री भरत त्रिवेदी (गुजरात), संयुक्त निदेशक श्री महेश पांडेय (झारखण्ड), उत्तर प्रदेश निदेशक श्री शरद कुमार राय, झारखण्ड निदेशक श्री दीपम बनर्जी, विपिन कुमार सिंह, मुन्ना कापरी, सुनील कुमार यादव सहित सैकड़ो स्थानीय एवं बाहरी कार्यकर्ताओ ने अपनी अहम भूमिका निभाई।

आंध्रप्रदेश, बिहार ने उठाई विशेष दर्जे की मांग, पीएम मोदी ने दिया आश्वासन

आंध्रप्रदेश, बिहार ने उठाई विशेष दर्जे की मांग, पीएम मोदी ने दिया आश्वासन

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नीति आयोग की बैठक में आंध्रप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों को विशेष दर्जा प्रदान करने की मांग पर कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के बंटवारे के समय तय किए गए वैधानिक प्रावधानों को अक्षरश: पालन करने को प्रतिबद्ध है. नीति आयोग की प्रबंध समिति की चौथी बैठक के बाद संवददाताओं को बैठक की जानकारी देते हुए आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ राज्यों द्वारा विशेष दर्जा की मांग पर केंद्र सरकार का रुख स्पष्ट किया.

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राज्य को विशेष केटेगरी का दर्जा प्रदान करने की अपनी लंबित मांग का मुद्दा उठाया जिसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समर्थन दिया. इस पर प्रधानमंत्री ने उन्हें वैधानिक प्रावधानों का पालन करने का आश्वासन दिया.

राजीव कुमार ने बताया, “कुछ राज्यों ने विशेष दर्जा का मुद्दा उठाया. बातचीत वैधानिक प्रावधानों पर केंद्रित थी, जोकि राज्यों के बंटवारे के समय तय किए गए थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार उन प्रावधानों का अनुपालन अक्षरश: करने को प्रतिबद्ध है.”

Nitish kumar

राजीव कुमार ने कहा, “विस्तृत योजना तैयार की जा रही है और एमएसपी 1.5 गुना बढ़ाने के प्रधानमंत्री के वादे को पूरा करने के लिए राज्यों को कई विकल्प प्रदान किए जाएंगे.”

कुमार ने कहा कि नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) के अध्यक्ष प्रधानमंत्री ने किसानों के मसलों की जांच-पड़ताल के लिए एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने बताया कि विचार-विमर्श के दौरान राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य तय करने का सुझाव भी दिया गया.

विपक्ष ने की मांग- 50 फीसदी चुनाव EVM और आधा बैलेट पेपर से हो

विपक्ष ने की मांग- 50 फीसदी चुनाव EVM और आधा बैलेट पेपर से होनई दिल्ली : विपक्षी दलों ने हाल ही में उपचुनावों के दौरान ईवीएम में कथित गड़बड़ी के हवाले से आधा चुनाव ईवीएम से और आधा मतपत्र से कराने की मांग उठाई है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलामनबी आजाद की अगुवाई में विपक्षी दल के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आज शाम चुनाव आयोग से यह मांग करेगा.

चुनाव आयोग के समक्ष मुद्दा उठाएगा विपक्ष

आजाद की अध्यक्षता में आज जनता दल यू, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल के नेताओं की बैठक में ईवीएम की गड़बड़ी के मुद्दे को एकजुट होकर चुनाव आयोग के समक्ष उठाने का निर्णय किया गया. बैठक में मौजूद एक नेता ने बताया कि इस साल के अंत तक गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की आधी सीटों पर ईवीएम से और आधी सीटों पर मतपत्र से मतदान कराने की आयोग से मांग करने पर बैठक में सहमति बनी है.

ईवीएम से छेड़छाड़ का विपक्ष का है आरोप

ऐसा होने पर ईवीएम में छेड़छाड़ की लगातार बढ़ रही शिकायतों से समूची निर्वाचन प्रणाली पर उठ रही शंकाओं का भी निराकरण हो सकेगा और मशीनों में छेड़छाड़ नहीं हो सकने के चुनाव आयोग के दावे की पुष्टि हो जायेगी. विपक्षी दल एकजुट होकर भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. जबकि कांग्रेस ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मद्देजनर मशीन के बजाय मतपत्र के इस्तेमाल पर जोर दे रही है.

विपक्ष के नेता उठाएंगे मु्द्दा

एक नेता ने कहा, ‘इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक किसी भी बुनियादी सिद्धांत के उल्लंघन पर तत्काल एवं गंभीरता के साथ कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है.’ संसद भवन परिसर स्थित आजाद के कार्यालय में हुई बैठक में कांग्रेस नेताओं अहमद पटेल, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और विवेक तनखा के अलावा जदयू नेता अली अनवर अंसारी, तृणमूल नेता सुखेंदु शेखर रॉय, बसपा नेता सतीश मिश्रा और सपा नेता नीरज शेखर मौजूद थे. राकांपा नेता मजीद मेमन, माकपा नेता डी राजा और राजद नेता जे पी नारायण यादव भी बैठक में मौजूद थे. सभी नेताओं ने इस मुद्दे को मजबूती से चुनाव आयोग के समक्ष उठाने का निर्णय लिया है.

EVM को बलि का बकरा न बनाएं, बैलेट पेपर को वापस लाने का सवाल ही नहीं : चुनाव आयोग

EVM को बलि का बकरा न बनाएं, बैलेट पेपर को वापस लाने का सवाल ही नहीं : चुनाव आयोग

कोलकाता : देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने चुनावों के लिए बैलेट पेपर को वापस लाने की सभी संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि ईवीएम को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, क्योंकि मशीनें बोल नहीं सकतीं और राजनीतिक दलों को अपनी हार के लिए किसी न किसी को जिम्मदार ठहराने की जरूरत होती है. मर्चेट्स चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित ‘निर्वाचन ईमानदारी और चुनावों में धन की भूमिका’ पर आयोजित एक इंटरएक्टिव सत्र में यहां रावत ने कहा, “प्रणाली की ईमानदारी के बारे में वास्तव में कुछ भी नहीं है, हालांकि जब भी इस मुद्दे पर सवाल उठते हैं, हम स्पष्टीकरण देते हैं.”

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पिछली जुलाई को सर्वदलीय बैठक में घोषित किया था कि आगे से सभी चुनाव वोटर वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों के साथ ईवीएम का प्रयोग करके किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए ईवीएम के साथ वीवीपैट का प्रयोग भी किया जाएगा.

रावत ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम को आसानी से बलि का बकरा बना दिया जाता है, क्योंकि वह बोल नहीं सकती और राजनीतिक दलों को अपनी हार का ठीकरा फोड़ने के लिए किसी न किसी चीज की जरूरत होती है.

 

 

 

 

युवाओं को पसंद आएगी वीरे दी वेडिंग, बेहतरीन कास्टिंग

 फिल्म वीरे दी वेडिंग का पोस्टर

फिल्म का नाम: वीरे दी वेडिंग

डायरेक्टर: शशांक घोष

स्टार कास्ट: करीना कपूर खान, सोनम कपूर, शिखा तलसानिया, स्वरा भास्कर, सुमीत व्यास, नीना गुप्ता

अवधि: 2 घंटा 5 मिनट

सर्टिफिकेट: A

रेटिंग: 3 स्टार

डायरेक्टर शशांक घोष ने फिल्म वैसा भी होता है- 2, क्विक गन मुरुगन, मुंबई कटिंग, खूबसूरत फिल्में डायरेक्ट की हैं. अब उन्होंने करीना कपूर खान, सोनम कपूर, शिखा तलसानिया, स्वरा भास्कर के साथ एक एडल्ट कॉमेडी ड्रामा बनायी है.  कैसी है ये फिल्म आइए समीक्षा करते हैं.

कहानी

फिल्म की कहानी दिल्ली के एक ही स्कूल में पढ़ने वाली चार लड़कियों से शुरू होती है. स्कूल से निकलने के 10 साल बाद चारों दोस्त यानि अवनी (सोनम कपूर), साक्षी सोनी (स्वरा भास्कर), मीरा (शिखा तलसानिया) और कालिंदी पुरी (करीना कपूर खान) अलग-अलग स्थिति में होती हैं. साक्षी सोनी ने शादी तो कर ली लेकिन लंदन जाकर अपने पति विनीत से तलाक लेकर वापस दिल्ली आ जाती है. वहीं मीरा अपने पिता की मंजूरी के बिना अमेरिका के रहने वाले जॉन से शादी कर लेती है जिनका बेटा कबीर होता है. तीसरी तरफ दिल्ली में ही रहकर अवनी ने वकालत की पढ़ाई की और मैट्रिमोनियल वकील बन गई हैं. वहीं कालिंदी की ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के दौरान ऋषभ (सुमित व्यास) से मुलाकात होती है और दोनों शादी का प्लान करते हैं. इसके लिए वे ऑस्ट्रेलिया से दिल्ली चले आते हैं. जब कालिंदी की शादी की खबर उसकी तीनों दोस्तों को मिलती है तो वे दिल्ली आकर एक साथ कालिंदी की शादी में शरीक होने के लिए तैयार होती है. इन चारों दोस्तों की जिंदगी में तरह-तरह के उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं. जब ये चारों दोस्त एक साथ कालिंदी की शादी के लिए मिलते हैं तो बहुत सारी कहानियां सामने आती हैं. कई मोड़ भी दिखाई देते हैं और आखिर में एक रिजल्ट निकलता है जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

वीरे दी वेडिंग पाकिस्तान में बैन, डायलॉग्स को बताया आपत्त‍िजनक

जानिए आखिर फिल्म को क्यों देख सकते हैं

फिल्म की कहानी चार दोस्तों की है जो आधुनिक युग में जिंदगी को पूरी तरह से जीने की कोशिश करते हैं. फिल्म की लिखावट बढ़िया है साथ ही साथ जिस तरह से कहानी आगे बढ़ती है पता ही नहीं चलता है कि इंटरवल कब आ गया. करीना कपूर खान, स्वरा भास्कर, सोनम कपूर और शिखा तलसानिया पूरी तरह से अपने किरदारों के साथ न्याय करती हैं. करीना होने वाली बहू के रूप में नजर आती हैं. फिल्म में कई ऐसे वन लाइनर्स हैं जो आपको हंसने पर मजबूर करते हैं. वही डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी, लोकेशन आर्ट के साथ कास्टिंग भी बेहतरीन है. फिल्म में बोले जाने वाला लहजा ज्यादातर एडल्ट है जिसकी वजह से फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट मिला है.

कमजोर कड़ियां

फिल्म का सेकंड हाफ काफी धीरे धीरे चलता है और कई जगह ऐसे भी पल आते हैं जब लगता है कि कहानी खत्म हो जानी चाहिए थी. पर ऐसा हो नहीं पाता, तो कह सकते हैं कि फिल्म की एडिटिंग साफ होनी बहुत जरूरी थी. ”तेरी पप्पी ले लूं” वाले गीत के अलावा कोई भी गाना फिल्मांकन के दौरान आकर्षित कर पाने में असमर्थ दिखाई देता है. फिल्म का अंत और बेहतर हो सकता था खासतौर से क्लाइमैक्स का पार्ट.

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बॉक्स ऑफिस

फिल्म का बजट लगभग 30 करोड़ रुपए बताया जा रहा है. ट्रेड पंडितों की मानें तो इस फिल्म को एक अच्छा वीकेंड मिलने की संभावना है. हालांकि एडल्ट सर्टिफिकेट होने के कारण एक खास तरह का तबका फिल्म को देख पाने में असमर्थ होने वाला है.

कॉमेडियन भारती का खुलासा, ‘मां नहीं चाहती थीं मैं दुनिया में आऊं’

कॉमेडियन भारती का खुलासा, 'मां नहीं चाहती थीं मैं दुनिया में आऊं'

भारती ने ये चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा, ”उस वक्त हमारी आर्थिक स्थिति सही नहीं थी. इसलिए मेरी मां मुझे जन्म नहीं देना चाहती थीं. वे अबॉर्शन कराना चाहती थीं. हालांकि उन्होंने ऐसा नहीं किया और आज उन्हें मुझ पर गर्व है.”कॉमेडियन भारती का खुलासा, 'मां नहीं चाहती थीं मैं दुनिया में आऊं'

भारती ने कहा, ”मुझे याद है एक बार मेरी परफॉर्मेंस से पहले मेरी मां ICU में भर्ती हुई थीं और मैं परफॉर्म नहीं करना चाहती थी. तब मेरी मां ने मुझे हौसला दिया. आश्वस्त किया कि मैं अपना बेस्ट करूं. जैसा कि मैंने किया भी.’कॉमेडियन भारती का खुलासा, 'मां नहीं चाहती थीं मैं दुनिया में आऊं'

राशिफल 01 June: वृष के सोचे हुए कुछ काम पूरे होंगे, मिथुन को बिजनेस में अचानक धन लाभ के योग

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नई दिल्ली: नक्षत्र अपनी चाल हर समय बदलते हैं. इन नक्षत्रों का हमारे जीवन पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष विज्ञान के अनुसार कौन सा ग्रह और नक्षत्र आपकी कुंडली के कौन से घर में जा रहा है, इसके मुताबिक आपका जीवन प्रभावित होता है. ग्रहों की रोज बदलती चाल के कारण ही हमारा रोज का दिन भी अलग होता है. कभी हमें सफलता मिलती है तो कभी दिन सामान्य गुजरता है. तो आपका आज का दिन कैसा रहेगा ये जानिए हमारे इस राशिफल में…

मेष – व्यापारियों के लिए समय ठीक नहीं है. किसी को उधार पैसा देने से बचें. कोई पुराना उधार आपको टेंशन दे सकता है. नौकरीपेशा लोग संभलकर रहें. ऑफिस में परेशानी हो सकती है. किसी बात का टेंशन हो सकता है. किसी से विवाद भी हो सकता है. मानसिक तनाव बढ़ेगा. पार्टनर की किसी बात पर मूड खराब हो सकता है. मौसमी बीमारियों से बचें. खाने-पीने का खास ध्यान रखें.

वृष – सोचे हुए कुछ काम पूरे हो जाएंगे. अचानक धन लाभ के योग बन रहे हैं. आपके सोचने के तरीके में सकारात्मक बदलाव हो सकता है. संतान से सहयोग मिलेगा. अपनी प्लानिंग को मेहनत से पूरा करेंगे और उसका फायदा भी आपको मिल सकता है. दोस्तों और भाइयों से सहयोग मिल सकता है. पार्टनर से प्रेम और सहयोग कम ही मिलेगा.

मिथुन – बिजनेस में अचानक धन लाभ के योग बन रहे हैं. पार्टनर से आपको सहयोग मिल सकता है. पार्टनर का सुझाव आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.आपको अचानक धन लाभ हो सकता है. फंसा हुआ पैसा भी वापस मिल सकता है. आपको कुछ अच्छे मौके मिल सकते हैं. अच्छा और मीठा बोलकर आप अपने काम पूरे करवा लेंगे. सेहत को लेकर टेंशन बढ़ सकती है. भोजन में सावधानी रखें.

कर्क – कार्यस्थल पर वातावरण आपके हिसाब का नहीं होने से मूड खराब होगा. लव लाइफ की अनबन में कोई फैसला नहीं कर पाएंगे. रोजमर्रा के कामों की परेशानियां बनी रह सकती है. आपके वो काम भी पूरे नहीं हो पाएंगे जिनकी प्लानिंग आपने कर रखी थी. विवाद और प्रतिस्पर्धा से बचने की कोशिश करें. किसी पर डिपेंड न रहें. सेहत संबंधी उतार-चढ़ाव भी आ सकते हैं.

सिंह – आपका कॉन्फिडेंस बढ़ा हुआ रहेगा. आज आप लोगों को भी प्रभावित करेंगे. आपके सोचने का तरीका लोगों को पसंद आएगा. आपकी दी गई सलाह से लोगों को फायदा होगा. किसी अच्छी खबर का इंतजार आपको रहेगा. लव लाइफ के लिए दिन सामान्य है. पार्टनर आपकी भावना समझेगा. जोड़ों का दर्द भी आपको परेशान कर सकता है.

कन्या – परिवार की मदद मिल सकती है. आपकी मानसिक संतुलित रहेगी और इससे आपके पारिवारिक जीवन में भी खुशी मिल सकती है. काम पूरे हो सकते हैं. आज आपको करियर और निवेश के क्षेत्रों में कुछ नए और शानदार मौके भी मिल सकते हैं. पैसों की और परिवार की स्थिति पर आपको पूरा ध्यान देना चाहिए. सेहत में भी सुधार हो सकता है. बहुत दिनों से चली आ रही सेहत संबंधी परेशानी में राहत मिल सकती है.

तुला – आपको मेहनत से सफलता मिलेगी. आपकी इच्छाएं पूरी भी हो जाएंगी. प्रमोशन मिलने के पूरे चांस भी बन रहे हैं. किसी भी तरह का मौका न जाने दें. आप जिस काम में हाथ डालेंगे, उसमें आपको जरूरी मदद मिलती जाएगी. आप लोगों से अपने काम निकलवाने में बहुत हद तक सफल रहेंगे. दिन अच्छे से बीतेगा. आज आपकी सेहत सामान्य रहेगी.

वृश्चिक – पैसों के मामलों में नुकसान हो सकता है. कुछ कानूनी मामलों में आप उलझ सकते हैं. समय का ध्यान रखें. कुछ खास कामों आपको ज्यादा ही मेहनत करनी पड़ सकती है. आज अचानक होने वाले किसी घटनाक्रम पर आप तुरंत कोई फैसला लेने से भी बचें. आपकी सेहत सामान्य रहेगी. थोड़ी थकान भी हो सकती है.

धनु – शेयर मार्केट में सोच-समझकर निवेश करें. आज आप बॉस के साथ अपने संबंधों को लेकर थोड़े सावधान रहें. जो लोग आपके करियर के लिए महत्वपूर्ण हैं, वे आज आपको थोड़ा परेशान भी कर सकते हैं. आपको अपनी बात रखने का अवसर थोड़े समय बाद मिलेगा. कोई खास काम पूरा होने की उम्मीद थी, आज वो पूरा न हो तो तनाव में न आएं. आज आपको थोड़ा धैर्य रखना चाहिए. शांति से दिन निकाल लें. आपकी सेहत सामान्य रहेगी.

मकर – आपको नुकसान हो सकता है. दिखावे और आडंबर से दूर रहें. परिवार में आर्थिक स्थिति को लेकर कुछ बहस हो सकती है. एक्स्ट्रा जिम्मेदारी मिल सकती है. आज आपको पैसों के मामले में सावधान और चौकन्ना रहना होगा, वरना बड़ा नुकसान हो सकता है.आप थोड़े परेशान भी रहेंगे. पार्टनर के व्यवहार से दुखी हो सकते हैं. सेहत के लिहाज से सितारे कमजोर रहेंगे.

कुंभ – करियर संबंधी कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है. दुश्मनों पर आप हावी रहेंगे. पुराने विवाद भी सुलझाने की कोशिश करेंगे और स्थिति अपने फेवर में कर लेंगे. नौकरीपेशा लोगों के लिए समय अच्छा है. कुछ उलझे हुए मामले सुलझ सकते हैं. आज नए लोगों से मुलाकात होगी. आपको मदद भी मिल सकती है. बिजनेस में कुछ नया करने में सफल भी हो सकते हैं. सेहत के मामले में संभलकर रहें.

मीन – करियर से जुड़े संवेदनशील फैसले लेने में आज आप सावधानी रखें. सोच-समझकर निवेश करें. आज आप कोई खास काम भूल सकते हैं. आपके कामकाज में गलतियां हो सकती हैं. दूसरे लोग भी अपने हिस्से का काम आपको दे सकते हैं.आज आप जरूरत से ज्यादा थक भी सकते हैं. लव लाइफ में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. सेहत पर ध्यान दें, छोटी-छोटी परेशानियां बढ़ सकती हैं.

योगी के नेतृत्व में 5 में 4 उपचुनाव हार चुकी है BJP, 2019 पर क्या होगा असर?

योगी के नेतृत्व में 5 में 4 उपचुनाव हार चुकी है BJP, 2019 पर क्या होगा असर?

 

लखनऊ: 2017 विधानसभा चुनाव में मोदी लहर का असर बरकरार रहा और बीजेपी जबरदस्त बहुमत के साथ सरकार बनाई. लेकिन, एक साल के भीतर बीजेपी हांफती नजर आ रही है. योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में बीजेपी चार उपचुनाव हार चुकी है. योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद उत्तर प्रदेश में तीन लोकसभा और दो विधानसभा उपचुनाव हुए हैं. इनमें से बीजेपी चार उपचुनाव हार गई, जबकि केवल एक विधानसभा चुनाव जीत पाई है. 28 मई को उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा के लिए उपचुनाव हुए. दोनों सीटों पर पहले बीजेपी का कब्जा था. अब दोनों सीटें बीजेपी सी छिन चुकी है. नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा के नईमुल हसन ने बीजेपी की प्रत्याशी अवनी सिंह को हराया. जबकि, कैराना लोकसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने बीजेपी की मृगांका सिंह को भारी मतों से हराया.

सिकंदरा विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की जीत हुई थी

सीएम योगी के सीएम बनने के बाद कानपुर की सिकंदरा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मथुरा पाल का निधन हो गया. उपचुनाव में उनके बेटे अजित सिंह पाल, बीजेपी प्रत्याशी, ने सपा के सीमा सचान को करीब 12000 वोटों से हराया. उसके बाद सभी चार उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के प्रदेश राजनीति में लौटने के बाद गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. दोनों सीटों पर सपा की जीत हुई.

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव से शुरू हुआ हार का सिलसिला

गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ थे. उपचुनाव में बीजेपी ने उपेंद्र दत्त शुक्ल को मैदान में उतारा. सपा ने प्रवीण कुमार निषाद को उनके खिलाफ खड़ा किया. सपा प्रत्याशी प्रवीण कुमार ने बीजेपी प्रत्याशी को करीब 22000 वोटों से हरा दिया. फूलपुर के सांसद केशव प्रसाद मौर्य थे. उपचुनाव में बीजेपी ने कौशलेंद्र सिंह को मैदान में उतारा. सपा ने उनके खिलाफ नागेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में खड़ा किया. सपा प्रत्याशी ने बीजेपी प्रत्याशी को करीब 60 हजार वोटों से हरा दिया.

कैराना और नूरपुर में बीजेपी की बुरी हार

मई 2018 में कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा के लिए उपचुनाव हुए. कैराना में रालोद की तबस्सुम हसन ने बीजेपी की मृगांका सिंह को करीब 55 हजार वोटों से हरा दिया. नूरपुर में सपा के नईमुल हसन ने बीजेपी की अवनी सिंह को करीब 6200 लोटों से हराया. इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी की जोड़ लगा दी थी.

2019 में होने वाले चुनाव पर दिखेगा असर

2019 लोकसभा चुनाव में बहुत ज्यादा वक्त नहीं रह गया है. अगर बीजेपी को केंद्रीय सत्ता में वापस लौटना है तो उत्तर प्रदेश में उसी जीत को दोहराना होगा, जो 2014 में मिली थी. आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से यह उपचुनाव बहुत अहम है. बीजेपी की आगे की क्या रणनीति होगी यह आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन जिस तरह तमाम विपक्षी दल एक साथ सुर से सुर मिला रहे हैं, वैसी स्थिति में बीजेपी के लिए 2014 को दोहराना आसान नहीं होगा.