योगी के नेतृत्व में 5 में 4 उपचुनाव हार चुकी है BJP, 2019 पर क्या होगा असर?

योगी के नेतृत्व में 5 में 4 उपचुनाव हार चुकी है BJP, 2019 पर क्या होगा असर?

 

लखनऊ: 2017 विधानसभा चुनाव में मोदी लहर का असर बरकरार रहा और बीजेपी जबरदस्त बहुमत के साथ सरकार बनाई. लेकिन, एक साल के भीतर बीजेपी हांफती नजर आ रही है. योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में बीजेपी चार उपचुनाव हार चुकी है. योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद उत्तर प्रदेश में तीन लोकसभा और दो विधानसभा उपचुनाव हुए हैं. इनमें से बीजेपी चार उपचुनाव हार गई, जबकि केवल एक विधानसभा चुनाव जीत पाई है. 28 मई को उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा के लिए उपचुनाव हुए. दोनों सीटों पर पहले बीजेपी का कब्जा था. अब दोनों सीटें बीजेपी सी छिन चुकी है. नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा के नईमुल हसन ने बीजेपी की प्रत्याशी अवनी सिंह को हराया. जबकि, कैराना लोकसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने बीजेपी की मृगांका सिंह को भारी मतों से हराया.

सिकंदरा विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की जीत हुई थी

सीएम योगी के सीएम बनने के बाद कानपुर की सिकंदरा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मथुरा पाल का निधन हो गया. उपचुनाव में उनके बेटे अजित सिंह पाल, बीजेपी प्रत्याशी, ने सपा के सीमा सचान को करीब 12000 वोटों से हराया. उसके बाद सभी चार उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के प्रदेश राजनीति में लौटने के बाद गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. दोनों सीटों पर सपा की जीत हुई.

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव से शुरू हुआ हार का सिलसिला

गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ थे. उपचुनाव में बीजेपी ने उपेंद्र दत्त शुक्ल को मैदान में उतारा. सपा ने प्रवीण कुमार निषाद को उनके खिलाफ खड़ा किया. सपा प्रत्याशी प्रवीण कुमार ने बीजेपी प्रत्याशी को करीब 22000 वोटों से हरा दिया. फूलपुर के सांसद केशव प्रसाद मौर्य थे. उपचुनाव में बीजेपी ने कौशलेंद्र सिंह को मैदान में उतारा. सपा ने उनके खिलाफ नागेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में खड़ा किया. सपा प्रत्याशी ने बीजेपी प्रत्याशी को करीब 60 हजार वोटों से हरा दिया.

कैराना और नूरपुर में बीजेपी की बुरी हार

मई 2018 में कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा के लिए उपचुनाव हुए. कैराना में रालोद की तबस्सुम हसन ने बीजेपी की मृगांका सिंह को करीब 55 हजार वोटों से हरा दिया. नूरपुर में सपा के नईमुल हसन ने बीजेपी की अवनी सिंह को करीब 6200 लोटों से हराया. इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी की जोड़ लगा दी थी.

2019 में होने वाले चुनाव पर दिखेगा असर

2019 लोकसभा चुनाव में बहुत ज्यादा वक्त नहीं रह गया है. अगर बीजेपी को केंद्रीय सत्ता में वापस लौटना है तो उत्तर प्रदेश में उसी जीत को दोहराना होगा, जो 2014 में मिली थी. आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से यह उपचुनाव बहुत अहम है. बीजेपी की आगे की क्या रणनीति होगी यह आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन जिस तरह तमाम विपक्षी दल एक साथ सुर से सुर मिला रहे हैं, वैसी स्थिति में बीजेपी के लिए 2014 को दोहराना आसान नहीं होगा.

 

CWG 2018 में गोल्ड मेडल जीतने वालीं भारत की वेटलिफ्टर संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल

CWG 2018 में गोल्ड मेडल जीतने वालीं भारत की वेटलिफ्टर संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल
संजीता चानू ने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में 53 किलोग्राम कैटगरी में गोल्ड मेडल जीता था.

नई दिल्लीः राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता वेटलिफ्टर संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल हो गईं हैं. राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इसे घोषणा के बाद से ही संजीता चानू को अपना स्वर्ण पदक वापस करना होगा. इसके साथ ही आईडब्ल्यूएफ ने संजीता चानू को अस्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत द्वारा जीते हुए स्वर्ण पदकों की संख्या भी कम हो जाएगी. भारत ने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 26 गोल्ड मेडल जीते थे. जिनमें से 5 गोल्ड मेडल वेटलिफ्टिंग में ही जीते थे. इनमें 3 मेडल महिला वेटलिफ्टरों ने जीते थे और 2 मेडल पुरुष वेटलिफ्टरों ने जीते थे. Sanjita Chanu gold

नोएडा पुलिस ने नाबालिग लड़की को 8 दिनों तक थाने में रखा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने DGP से मांगा जवाब

14 मई से 22 मई तक हिरासत में रखी गई नाबालिग. (प्रतीकात्मक फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने दिया मोदी सरकार को निर्देश, ऐसे राज्यों को न करें फंड का आवंटन

निर्मला कुमारी, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए केंद्र सरकार से कहा है कि वो उन राज्यों को फंड का आवंटन न करे, जिन्होंने अभी तक घरेलू नौकरों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया है. जानकारी के मुताबिक देश में करीब 48 लाख घरेलू नौकर हैं, जिनमें एक बड़ी तादाद करीब 30 लाख की महिलाओं की है. लेकिन, ये असंगठित क्षेत्र अभी तक सामाजिक सुरक्षा कवर के दायरे में ना आ पाने के चलते सामाजिक सुविधाओं से वंचित हैं. कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सोशल सिक्योरिटी एक्ट 2008 के तहत घरेलू नौकरों के रजिस्ट्रेशन को लेकर उठाये गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है. साथ ही कहा है कि ये राज्यों के चीफ सेक्रेटरी और प्रशासनिक विभागों के मुख्य सेक्रेटरी की जिम्मेदारी बनती है कि वो कोर्ट के दिये आदेश के मुताबिक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें.

नेशनल सोशल सिक्योरिटी बोर्ड गठित करने का था आदेश

पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक्ट के मुताबिक, तीन महीने के अंदर नेशनल सोशल सिक्योरिटी बोर्ड गठित करने का आदेश दिया था. मई 2017 में सरकार ने बोर्ड भी बना दिया. अगस्त 2017 में कोर्ट ने बोर्ड से वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन और उन्हें समाजिक लाभ प्रदान करने को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट तलब की थी. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार को घरेलू नौकरों का सोशल सिक्योरिटी एक्ट 2008 के तहत रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया था.

8 अगस्त को होगी मामले की अगली सुनवाई

इसी साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय श्रम सचिव को फरवरी 2018 से रजिस्ट्रेशन प्रकिया को सुनिश्चित करने का आदेश दिया था साथ ही कहा था कि इन कामगारों को पहचान पत्र और सामाजिक सुविधाओं जा फायदा दिया जाए. कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाते हुए केंद्रीय श्रम सचिव से 15 मई तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. बहरहाल, अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को रजिस्ट्रेशन न करने वाले राज्यों को फंड का आंवटन न करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई अब 8 अगस्त को होगी.

 

गुजरात: महिला को 12 लोगों ने मिलकर बनाया हवस का शिकार

गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर इलाके में 12 लोगों ने एक महिला के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया है. पीड़ित महिला की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 सहित संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है. इस मामले की जांच की जा रही है.

उप निरीक्षक वी आर पटेल ने बताया कि गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर तालुका के एक गांव की निवासी 35 वर्षीय पीड़िता ने बीती रात गढ़ पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई है कि उसके साथ 12 लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया है. वह सभी आरोपियों को जानती है. आरोपियों की तलाश की जा रही है.

पीड़ित महिला ने बताया कि वह तीन बच्चों की मां है. उसका पति मुंबई में काम करता है. चार आरोपियों ने उसे उसके घर से अपहरण कर लिया था. इसके बाद उसे चाकू की नोंक पर पाटन जिले के एक गांव में ले जाया गया था. वहां 12 लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया. किसी तरह वह वहां से भागी.

बताते चलें कि गुजरात में महिलाओं के खिलाफ होने वाली वारदात में तेजी से इजाफा हुए है. हाल ही में दाहोद जिले में दो लड़कियों से गैंगरेप की सनसनीखेज वारदात सामने आई थी. आरोपियों ने वारदात के बाद इनमें से एक लड़की की हत्या कर दी थी. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.

बताया गया था कि 9 और 16 साल की दो लड़कियां लिमडी थानांतर्गत एक गांव में शादी समारोह में हिस्सा लेने गयी थीं. दोनों रात में वहीं ठहरी थी. दोनों लड़कियां रिश्ते में बहन थीं. दोनों रात में शौच करने गयी थीं. इसी दौरान उनसे गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया. 9 वर्षीय बच्ची की हत्या कर दी गई.

पुलिस ने बताया कि मृत बच्ची का शव अगले दिन सुबह मिला. मृतक बच्ची के पिता ने लिमडी थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने शादी में हिस्सा लेने वाले तीन फोटोग्राफरों पर घटना में संलिप्त होने का शक जाहिर किया था. पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था.

पुलिस ने जांच के बाद राजस्थान के बांसवाड़ा के रहने वाले कल्पेश कटारिया के साथ दाहोद के निवासियों मेहुल अमलियार और सुनील गड़ेशिया को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान तीनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने 16 वर्षीय बच्ची से गैंगरेप किया. दूसरे गैंगरेप के बाद हत्या कर दी थी.

गरीब महासम्मेलन में नीतीश पर बरसे तेजस्वी, कहा- जनता सीखाएगी सबक

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर निशाना साधा और कहा कि लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी मालिक होती है और वह 2019 में लोकसभा चुनाव में बिहार में जनादेश के साथ विश्वासघात करने वाले लोगों को सबक सीखाते हुए धूल चटाने का काम करेगी.

भोजपुर जिले में मंगलवार को आयोजित गरीब महासम्मेलन में तेजस्वी यादव ने अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर रुख बनाए रखा. उन्होंने कहा कि महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद उनकी हालत एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई जैसी हो गई है.

उन्होंने कहा कि नीतीश के लिए अब राजनीति में कोई भी रास्ता नहीं बचा है. मुख्यमंत्री ने 2015 में मिले जनादेश का अपमान किया और बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया जिसको जनता ने सत्ता से दूर रखा था.

2019 में जनता देगी जवाब

तेजस्वी ने कहा कि जनता सबसे बड़ी मालिक होती है और 2019 के लोकसभा चुनाव में वह जनादेश के साथ विश्वासघात करने वाले लोगों को धूल चटाने का काम करेगी. नीतीश पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने नोटबंदी का समर्थन सबसे पहले किया था मगर एक बार फिर उन्होंने पलटी मार दी है और अब नोटबंदी के हुए नुकसान को गिना रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राजनीति में अब नीतीश की स्थिति वैसी हो गई है जैसे कि एक तरफ कुआं एक तरफ खाई. क्रिकेट की भाषा में लोगों को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि नीतीश की हालत उस कप्तान की तरह हो गई है जिसे खेलने का मौका ही नहीं मिलेगा.

मोदी ने भी पूरा नहीं किया वादा

दूसरी ओर, केंद्र को जुमलों वाली सरकार बताते हुए तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि पिछले 4 साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने जनता से किया हुआ कोई भी वादा पूरा नहीं किया. केंद्र ने ना तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया और ना ही विशेष पैकेज ही दिया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वादा किया था.

तेजस्वी ने कहा जैसे कि कर्नाटक में बीजेपी को सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था वैसे ही बिहार में भी आरजेडी को सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए. भाजपा पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनका इरादा देश के संविधान को बदलकर मनुवादी व्यवस्था को लागू करने का है

तेजस्वी ने लोगों से आह्वान किया कि गरीब, अभिवंचित, दबे, सताए, पिछड़े, दलित, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक गोलबंद हो जाए ताकि 2019 लोकसभा चुनाव में ऐसी ताकतों को हराया जा सके.

तेजस्वी के इन आरोपों का जवाब देते हुए जदयू ने भी पलटवार किया और सवाल पूछा कि आखिर लालू प्रसाद के जेल जाते ही देश और संविधान को ऐसा क्या हो गया था कि उन्होंने संविधान बचाओ यात्रा निकाली थी मगर उनके जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने यह यात्रा स्थगित कर दी और गरीब महासम्मेलन कर रहे हैं?

16 दिन बाद पेट्रोल के दाम घटे भी तो सिर्फ 1 पैसा, तकनीकी गलती से बता दिया 60 पैसा

कर्नाटक चुनाव के 16 दिन बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती तो की गई, लेक‍िन वो भी सिर्फ एक पैसा. हालांक‍ि सुबह जब तेल कंपनियों की तरफ से इसका डाटा जारी किया, तो इसमें पेट्रोल में 60 पैसा और डीजल में 56 पैसे की कटौती दिखाई गई. लेक‍िन महज एक घंटे के अंदर तेल कंपनियों ने इसे बदल दिया. इसके लिए तकनीकी गलती को जिम्मेदार बताया जा रहा है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार पर भले ही कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट शुरू हो गई है. लेक‍िन इसका फायदा अभी भी आपको पूरी तरह से नहीं मिला है. बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 78.42 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, मंगलवार की बात करें, तो इसके लिए आपको 78.43 रुपये चुकाने पड़ रहे थे. इस तरह आपको सिर्फ एक पैसे की राहत दी गई है.

तकनीकी गलती से दे दी 60 पैसे की छूट:

इंडियन ऑयल कंपनी की वेबसाइट पर सुबह पेट्रोल और डीजल की जो जानकारी जारी की गई. उसमें बताया गया कि पेट्रोल पर 60 पैसे की छूट मिली है. हालांकि ऐसा नहीं था. कंपनी ने बाद में इसमें सुधार किया. इस सुधार के बाद आपको मिली राहत सिर्फ 1 पैसे की हो गई. महज एक घंटे के अंदर तेल कंपनियों ने इस गलती में सुधार कर दिया है.

बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 78.42 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, मुंबई की बात करें, तो यहां आपको 86.23 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. अन्य मेट्रो शहरों की बात करें तो कोलकाता में 81.05 प्रति लीटर देना पड़ रहा है. चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल के लिए 81.42 रुपये लोग दे रहे हैं.