पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्आतान के आबादी वाले इलाकों में रॉकेट से हमला किया है जिसमें 9 आम नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 50 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। (प्रतिकात्मक तस्वीर)
चार्जशीट दायर करने के बाद भी रद्द हो सकती है FIR : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि चार्जशीट दायर होने के बाद भी आरोपी एफआईआर रद्द करवाने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उच्च अदालत में याचिका दे सकता है। अब तक कानून यही है कि किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दायर हो जाने पर उसमें धारा 482 के तहत एफआईआर रद्द करने की याचिका स्वीकार्य नहीं होती, लेकिन कोर्ट के इस फैसले से आपराधिक न्यायशास्त्र की स्थिति में अभियुक्तों के पक्ष में बड़ा बदलाव आ गया है।
जस्टिस एसए बोब्डे और एल नागेश्वर राव की पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही में एफआईआर की स्टेज पर ही हस्तक्षेप किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट एफआईआर रद्द करने की याचिका को सुन सकता था। यहां तक कि इस याचिका के लंबित रहते यदि चार्जशीट दायर भी हो गई है तो भी इसे सुना जा सकता है।
चार्जशीट के बाद दुरुपयोग और बढ़ जाएगा
कोर्ट ने फैसले में कहा कि धारा 482 में यह कहीं नहीं है, जिसमें कोर्ट को कानून का दुरुपयोग या अन्याय होने से रोकने के लिए सिर्फ एफआईआर की स्टेज पर ही प्रतिबंधित किया हो। यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि हाईकोर्ट धारा 482 के तहत क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर सकता है। यहां तक कि हाईकोर्ट इस कार्यवाही को ट्रायल कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी लंबित होने पर भी जारी रख सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है और अब उसकी रिपोर्ट रद्द करने की याचिका नहीं सुनी जा सकती। इसके उलट एफआईआर के कारण प्रक्रिया का दुरुपयोग उस समय और ज्यादा बढ़ जाएगा, जब यह जांच के बाद चार्जशीट में तब्दील हो जाएगी। इसमें कोई शक नहीं है कि अन्याय तथा प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकने की शक्ति हर कोर्ट को दी गई है।
कोई अपराध साबित नहीं होता
यह फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहता के खिलाफ प्रकरण में कहा कि यह मामला दीवानी प्रकृति का है इसमें कहीं कोई अपराध साबित नहीं होता। हम मानते हैं कि एक करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि को अभियुक्त द्वारा हड़प लेना विशुद्ध रूप से दीवानी मामला है। हम यह भी देख रहे हैं कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने इस राशि को वापस लेने के लिए एफआईआर दर्ज करने के अलावा कोई और प्रयास नहीं किए। इससे साफ है कि यह अभियोजन दुर्भावनापूर्ण, न टिकने योग्य और अभियुक्त को परेशान करने की नीयत से किया गया है।
HomeSupreme Court Judgmentचार्जशीट दायर करने के बाद भी रद्द हो सकती है FIR : सुप्रीम कोर्ट | the law updates |
चार्जशीट दायर करने के बाद भी रद्द हो सकती है FIR : सुप्रीम कोर्ट | the law updates |
Law updatesJuly 26, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि चार्जशीट दायर होने के बाद भी आरोपी एफआईआर रद्द करवाने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उच्च अदालत में याचिका दे सकता है। अब तक कानून यही है कि किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दायर हो जाने पर उसमें धारा 482 के तहत एफआईआर रद्द करने की याचिका स्वीकार्य नहीं होती, लेकिन कोर्ट के इस फैसले से आपराधिक न्यायशास्त्र की स्थिति में अभियुक्तों के पक्ष में बड़ा बदलाव आ गया है।
जस्टिस एसए बोब्डे और एल नागेश्वर राव की पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही में एफआईआर की स्टेज पर ही हस्तक्षेप किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि हाईकोर्टएफआईआर रद्द करने की याचिका को सुन सकता था। यहां तक कि इस याचिका के लंबित रहते यदि चार्जशीट दायर भी हो गई है तो भी इसे सुना जा सकता है।
चार्जशीट के बाद दुरुपयोग और बढ़ जाएगा
कोर्ट ने फैसले में कहा कि धारा 482 में यह कहीं नहीं है, जिसमें कोर्ट को कानून का दुरुपयोग या अन्याय होने से रोकने के लिए सिर्फ एफआईआर की स्टेज पर ही प्रतिबंधित किया हो। यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि हाईकोर्ट धारा 482 के तहत क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर सकता है। यहां तक कि हाईकोर्ट इस कार्यवाही को ट्रायल कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी लंबित होने पर भी जारी रख सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह मानना अन्याय होगा कि अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है और अब उसकी रिपोर्ट रद्द करने की याचिका नहीं सुनी जा सकती। इसके उलट एफआईआर के कारण प्रक्रिया का दुरुपयोग उस समय और ज्यादा बढ़ जाएगा, जब यह जांच के बाद चार्जशीट में तब्दील हो जाएगी। इसमें कोई शक नहीं है कि अन्याय तथा प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकने की शक्ति हर कोर्ट को दी गई है।
कोई अपराध साबित नहीं होता
यह फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहता के खिलाफ प्रकरण में कहा कि यह मामला दीवानी प्रकृति का है इसमें कहीं कोई अपराध साबित नहीं होता। हम मानते हैं कि एक करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि को अभियुक्त द्वारा हड़प लेना विशुद्ध रूप से दीवानी मामला है। हम यह भी देख रहे हैं कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने इस राशि को वापस लेने के लिए एफआईआर दर्ज करने के अलावा कोई और प्रयास नहींकिए। इससे साफ है कि यह अभियोजन दुर्भावनापूर्ण, न टिकने योग्य और अभियुक्त को परेशान करने की नीयत से किया गया है।
क्या है मामला
मोहता ने एक संपत्ति विकसित करने के लिए बिल्डर से अनुबंध किया था, लेकिन बाईलाज में पता लगा कि संपत्ति को गगनचुंबी इमारत नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि यह लुटियन जोन में है। इसके बाद उसने बिल्डर को लिखा कि वह संपत्ति विकसित नहीं करवाना चाहता, लेकिन उसने बिल्डर से लिए एक करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि नहीं लौटाई। बिल्डर ने एफआईआर दर्ज करवा दी। इसे रद्द करवाने के लिए मोहता दिल्ली हाईकोर्ट गए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि मामले में प्रारंभिक जांच चल रही है और याचिका रद्द कर दी। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट आए, लेकिन तब तक पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी। कोर्ट में कहा गया कि चार्जशीट दायर होने के बाद एफआईआर रद्द करने की याचिका नहीं सुनी जा सकती।
राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो (NCIB) छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा सैनिक शौर्य सम्मान समारोह का हुआ आयोजन, वतन के पहरेदारों को किया सम्मानित, भारत माता की जयघोष से गूँजा शहर….
खरसिया (रायगढ़) राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो द्वारा वीर जवानों एवं अमर शहीदों का शौर्य-सम्मान समारोह स्थानीय लखीराम आडिटोरियम में आयोजित किया गया। वतन के रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों एवं के पहरेदारों के सम्मान में प्रातः 11:00 बजे विश्रामगृह से देशभक्ति के उत्साहपूर्ण गीतों के साथ रैली निकाली गई, जो प्रमुख मार्गो से होती हुई कार्यक्रम स्थल पहुंची। यह गरिमामय कार्यक्रम राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के प्रदेश निदेशक श्री अनंतराम साहू एवं सह निदेशक श्री उसतरम पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में जिले के संवेदनशील पुलिस कप्तान दीपक झा उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो (NCIB) छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विशिष्ट अतिथि पुलिस कप्तान दीपक झा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सभी देशवासियों को सैनिकों का सम्मान करना चाहिए। साथ हि देशभक्ति के पर्व 15 अगस्त का अवसर चल रहा है, ऐसे में जगह-जगह देशभक्ति गीतों के कार्यक्रम भी आयोजित करने चाहिए। वहीं जहां भी हमें अपने वतन के प्रहरी मिलते हैं, तो उनका सम्मान कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करनी चाहिए। पुलिस कप्तान ने कहा कि वे अपने स्तर से सैनिक तथा सैनिक परिवारों द्वारा प्राप्त शिकायतों को अविलम्ब निस्तारण हेतु दृढ़ संकल्पित है।
राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल श्री सुरेश शुक्ल ने सैनिको को सम्बोधित करते हुए कहा की NCIB सदैव सैनिको एवं सैनिक परिवारों के सेवा में तत्पर है। हमारी संस्था द्वारा सैनिकों को उचित सम्मान देने हेतु जनपद स्तरीय सैनिक शौर्य सम्मान कार्यक्रम का आयोजन करके शहीद सैनिक परिवारों एवं वर्तमान एवं पूर्व सैनिको को सम्मानित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पुलिस कप्तान श्री दीपक झा द्वारा लगभग 50 पूर्व एवं वर्तमान सैनिको के साथ शहीद सैनिक परिवार को प्रसस्तिपत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों, सैनिक, पूर्व सैनिक एवं शहीद सैनिक परिवारजनों के अलावा जिला में कार्यरत राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के कार्यकर्ताओ समेत हजारो लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु राष्ट्रीय प्रमुख श्री भरत त्रिवेदी (गुजरात), संयुक्त निदेशक श्री महेश पांडेय (झारखण्ड), उत्तर प्रदेश निदेशक श्री शरद कुमार राय, झारखण्ड निदेशक श्री दीपम बनर्जी, विपिन कुमार सिंह, मुन्ना कापरी, सुनील कुमार यादव सहित सैकड़ो स्थानीय एवं बाहरी कार्यकर्ताओ ने अपनी अहम भूमिका निभाई।
युवाओं को पसंद आएगी वीरे दी वेडिंग, बेहतरीन कास्टिंग
फिल्म का नाम: वीरे दी वेडिंग
डायरेक्टर: शशांक घोष
स्टार कास्ट: करीना कपूर खान, सोनम कपूर, शिखा तलसानिया, स्वरा भास्कर, सुमीत व्यास, नीना गुप्ता
अवधि: 2 घंटा 5 मिनट
सर्टिफिकेट: A
रेटिंग: 3 स्टार
डायरेक्टर शशांक घोष ने फिल्म वैसा भी होता है- 2, क्विक गन मुरुगन, मुंबई कटिंग, खूबसूरत फिल्में डायरेक्ट की हैं. अब उन्होंने करीना कपूर खान, सोनम कपूर, शिखा तलसानिया, स्वरा भास्कर के साथ एक एडल्ट कॉमेडी ड्रामा बनायी है. कैसी है ये फिल्म आइए समीक्षा करते हैं.
कहानी
फिल्म की कहानी दिल्ली के एक ही स्कूल में पढ़ने वाली चार लड़कियों से शुरू होती है. स्कूल से निकलने के 10 साल बाद चारों दोस्त यानि अवनी (सोनम कपूर), साक्षी सोनी (स्वरा भास्कर), मीरा (शिखा तलसानिया) और कालिंदी पुरी (करीना कपूर खान) अलग-अलग स्थिति में होती हैं. साक्षी सोनी ने शादी तो कर ली लेकिन लंदन जाकर अपने पति विनीत से तलाक लेकर वापस दिल्ली आ जाती है. वहीं मीरा अपने पिता की मंजूरी के बिना अमेरिका के रहने वाले जॉन से शादी कर लेती है जिनका बेटा कबीर होता है. तीसरी तरफ दिल्ली में ही रहकर अवनी ने वकालत की पढ़ाई की और मैट्रिमोनियल वकील बन गई हैं. वहीं कालिंदी की ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के दौरान ऋषभ (सुमित व्यास) से मुलाकात होती है और दोनों शादी का प्लान करते हैं. इसके लिए वे ऑस्ट्रेलिया से दिल्ली चले आते हैं. जब कालिंदी की शादी की खबर उसकी तीनों दोस्तों को मिलती है तो वे दिल्ली आकर एक साथ कालिंदी की शादी में शरीक होने के लिए तैयार होती है. इन चारों दोस्तों की जिंदगी में तरह-तरह के उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं. जब ये चारों दोस्त एक साथ कालिंदी की शादी के लिए मिलते हैं तो बहुत सारी कहानियां सामने आती हैं. कई मोड़ भी दिखाई देते हैं और आखिर में एक रिजल्ट निकलता है जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
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जानिए आखिर फिल्म को क्यों देख सकते हैं
फिल्म की कहानी चार दोस्तों की है जो आधुनिक युग में जिंदगी को पूरी तरह से जीने की कोशिश करते हैं. फिल्म की लिखावट बढ़िया है साथ ही साथ जिस तरह से कहानी आगे बढ़ती है पता ही नहीं चलता है कि इंटरवल कब आ गया. करीना कपूर खान, स्वरा भास्कर, सोनम कपूर और शिखा तलसानिया पूरी तरह से अपने किरदारों के साथ न्याय करती हैं. करीना होने वाली बहू के रूप में नजर आती हैं. फिल्म में कई ऐसे वन लाइनर्स हैं जो आपको हंसने पर मजबूर करते हैं. वही डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी, लोकेशन आर्ट के साथ कास्टिंग भी बेहतरीन है. फिल्म में बोले जाने वाला लहजा ज्यादातर एडल्ट है जिसकी वजह से फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट मिला है.
कमजोर कड़ियां
फिल्म का सेकंड हाफ काफी धीरे धीरे चलता है और कई जगह ऐसे भी पल आते हैं जब लगता है कि कहानी खत्म हो जानी चाहिए थी. पर ऐसा हो नहीं पाता, तो कह सकते हैं कि फिल्म की एडिटिंग साफ होनी बहुत जरूरी थी. ”तेरी पप्पी ले लूं” वाले गीत के अलावा कोई भी गाना फिल्मांकन के दौरान आकर्षित कर पाने में असमर्थ दिखाई देता है. फिल्म का अंत और बेहतर हो सकता था खासतौर से क्लाइमैक्स का पार्ट.
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बॉक्स ऑफिस
फिल्म का बजट लगभग 30 करोड़ रुपए बताया जा रहा है. ट्रेड पंडितों की मानें तो इस फिल्म को एक अच्छा वीकेंड मिलने की संभावना है. हालांकि एडल्ट सर्टिफिकेट होने के कारण एक खास तरह का तबका फिल्म को देख पाने में असमर्थ होने वाला है.
16 दिन बाद पेट्रोल के दाम घटे भी तो सिर्फ 1 पैसा, तकनीकी गलती से बता दिया 60 पैसा
कर्नाटक चुनाव के 16 दिन बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती तो की गई, लेकिन वो भी सिर्फ एक पैसा. हालांकि सुबह जब तेल कंपनियों की तरफ से इसका डाटा जारी किया, तो इसमें पेट्रोल में 60 पैसा और डीजल में 56 पैसे की कटौती दिखाई गई. लेकिन महज एक घंटे के अंदर तेल कंपनियों ने इसे बदल दिया. इसके लिए तकनीकी गलती को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार पर भले ही कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट शुरू हो गई है. लेकिन इसका फायदा अभी भी आपको पूरी तरह से नहीं मिला है. बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 78.42 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, मंगलवार की बात करें, तो इसके लिए आपको 78.43 रुपये चुकाने पड़ रहे थे. इस तरह आपको सिर्फ एक पैसे की राहत दी गई है.
तकनीकी गलती से दे दी 60 पैसे की छूट:
इंडियन ऑयल कंपनी की वेबसाइट पर सुबह पेट्रोल और डीजल की जो जानकारी जारी की गई. उसमें बताया गया कि पेट्रोल पर 60 पैसे की छूट मिली है. हालांकि ऐसा नहीं था. कंपनी ने बाद में इसमें सुधार किया. इस सुधार के बाद आपको मिली राहत सिर्फ 1 पैसे की हो गई. महज एक घंटे के अंदर तेल कंपनियों ने इस गलती में सुधार कर दिया है.
बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 78.42 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, मुंबई की बात करें, तो यहां आपको 86.23 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. अन्य मेट्रो शहरों की बात करें तो कोलकाता में 81.05 प्रति लीटर देना पड़ रहा है. चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल के लिए 81.42 रुपये लोग दे रहे हैं.