Uncategorized

03 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किये पद्मशेष नामदेवता के दर्शन मण्‍डलों के सेवाभाव से नागद्वारी मेले में देखने मिल रहा सेवा और भक्ति का अनूठा संगम मूसलाधार बारिश में भी शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी संभाले हुए हैं व्‍यवस्‍थाओं की कमान

मानसून, पचमढ़ी की नैसर्गिक सुंदरता, और नागद्वारी मेले में भक्तों का हुजूम। सतपुड़ा की रानी इन दिनों इन तीनों के संगम से अलौकिक आस्था का केंद्र बनी हुई है। नागद्वारी यात्रा ट्रैक जिसमें पचमढ़ी से लेकर पद्मशेष नाग द्वारा गुफा तक के रास्ते में पहाड़ों, पगडंडियों, चट्टानों, पहाड़ी नदियों, झरनों, गुफाओं सभी स्थानों पर हर हर महादेव के जयकारे सुनाई दे रहे हैं। भक्तों के उत्साह एवं आस्था के कारण यह दुर्गम रास्ते भी उन्हें सीधी सपाट सड़क की तरह लग रहे हैं। पचमढ़ी में चल रहे नागद्वारी मिले में अब तक तीन लाख से अधिक श्रद्धालु पद्मश शेष नागद्वार गुफा के दर्शन कर चुके हैं। मध्य प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में इतनी संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना एवं कठिन तथा निर्जन रास्तों को पार करने के उपरांत अपने आराध्य देवता के दर्शन करना नैसर्गिक सौंदर्य की खान पचमढ़ी को एक देवभूमि भी प्रतिबिंबित कर रहा है।

जिला पंचायत सीईओ एवं महादेव मेला समिति अध्यक्ष श्री सोजान सिंह रावत, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी नर्मदापुरम श्री डीके सिंह, एसडीएम पिपरिया एवं सचिव महादेव मेला समिति अनीशा श्रीवास्तव द्वारा अस्थाई बस स्टेण्ड, झंडा चौक, जलगली, कालाझाड निरीक्षण कर निरंतर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया जा रहा है एवं भक्तों को हर संभव मदद मिल सके इस हेतु मौके पर उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निदेर्शित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मुख्य कंट्रोल रूम से पूरे मेले की व्यवस्थाओं पर नजर रखा जा रहा है।

नागद्वारी मेले में प्रशासन द्वारा हर संभव व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा रहा है। कदम कदम पर पुलिस एवं होमगार्ड के जवान तैनात है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए होमगार्ड जवानों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग का अमला भी 24 x7 मेले में उपलब्ध है। मूसलाधार बारिश के चलते कई स्थानों पर रास्ते खराब हो जाने के कारण लोक निर्माण विभाग द्वारा जेसीबी मशीनों की सहायता से सड़कों एवं अन्य स्थान की मरम्मत कर उन्हें आवा का मन के लिए सुगम बनाया जा रहा है। भारी बारिश में होमगार्ड जवान पूरे नागद्वारी ट्रैक में तैनात होकर भक्तों को कठिन रास्तों को पार करने में सहायता प्रदान कर रहे हैं।

✨ मंडलों द्वारा की गई व्यवस्थाओं एवं श्रद्धालुओं की सहायता से नागद्वारी मेला भक्ति एवं सेवा भाव की अनूठी मिसाल बन जाता है ✨

नागपंचमी मेले में महाराष्ट्र के अलग अलग जिलों से सेवा मंडल पचमढी पधारते हैं। इस वर्ष 44 मंडल अपनी सेवाऐ देने हेतु पचमढी पधारें हैं। नागपंचमी मेला श्रवण मास में लगता है, वन अभ्यारण के अंतर्गत होने के कारण पूरे साल उक्त स्थल बंद रहता है। नागपंचमी मेले के 10 दिवस पूर्व से ही इसे खोला जाता है।

महाराष्ट्र से आने वाले भण्डारें मेला अवधि से 5 दिन पूर्व ही दुर्गम स्थल जलगली, कालाझाड, चिंतामन, चित्रशाला, पश्चिम द्वार, स्वर्गद्वार, पंचमुखी द्वार, नागद्वार एवं काजरी में पहुँच कर पूर्व से ही श्रद्वालूओं के लिये निशुल्क भोजन एवं रात्रि विश्राम की व्यवस्था करते हैं। यह सेवा मंडल पूरे वर्ष भर नागपंचमी मेले के लिये सामग्री एकत्रित करते हैं, जिसमें सूखी सामग्री, राशन, सब्जीयां, बनाने हेतु बर्तन एकत्रित कर पचमढी पहुँचते हैं। पचमढी आने के बाद जिप्सी वाहन में सामग्री को लोड कर काजरी स्थल तक जाते हैं, उसके उपरांत प्रत्येक मंडल मजदूरों की सहायता से सामग्री लेकर अपने अपने स्थान पर भंण्डारे लगाने चले जाते हैं। सेवा मंडलों द्वारा निशुल्क सुबह का नाश्ता दिया जाता है

चिंतामण में लगने वाले भंण्डारों में से वर्ष 1968 से निरंतर लगने वाला सेवामंडल जो कि अत्याधिक पुराना है जिस मंडल का नाम श्री चिंतामणी गिरी देव स्थान दशनामी ज्योत सेवा मंडल, नागपुर है मंडल के प्रमुख श्री प्रशांत जी द्वारा बताया गया कि यह सेवा मंडल लगभग 57 वर्षों से अपनी सेवाएं भक्तों को दे रहा है जिसमें निःशुल्क एवं गर्म भोजन एवं रात्रि विश्राम की व्यवस्था दी जाती है।

इसके अतिरिक्त एक मंडल जो भोजन के साथ बिमार भक्तों हेतु दवाईयां भी रखता है। नागद्वार स्वामी सेवा ट्रस्ट के प्रमुख श्री उमाकांत झाडे द्वारा बताया गया कि उनका सेवामंडल भी विगत 35 वर्षों से अपनी सेवा प्रदान कर रहे है, साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि नागद्वारी यात्रा आदिकाल से निरंतर जारी है। श्री झाड़े ने बताए की इस यात्रा में अपनी सेवाएँ जिसमें भोजन यात्रियों को रात्रि विश्राम, एवं आवश्यक दवाईयां नागपुर एवं आस पास के क्षेत्र के दानकर्ताओं से दान एकत्र किया जाता है, एवं मेला अवधि में पचमढ़ी पहुंच कर राशन एवं आवास व्यवस्था संबंधित सामग्री को जिप्सियों द्वारा यथा स्थान पहुंचाया जाता है। ये सेवाऐं लगभग 15 दिन तक निरंतर दी जाती है। नागपंचमी के दिन मुख्य आरती के पश्चात् सभी सेवा मण्डल पचमढ़ी प्रस्थान करते है उसके पश्चात ये सभी सेवा मण्डल नागपुर वापिस हो जाते है।

Previous Article

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *