आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर निशाना साधा और कहा कि लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी मालिक होती है और वह 2019 में लोकसभा चुनाव में बिहार में जनादेश के साथ विश्वासघात करने वाले लोगों को सबक सीखाते हुए धूल चटाने का काम करेगी.
भोजपुर जिले में मंगलवार को आयोजित गरीब महासम्मेलन में तेजस्वी यादव ने अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर रुख बनाए रखा. उन्होंने कहा कि महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद उनकी हालत एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई जैसी हो गई है.
उन्होंने कहा कि नीतीश के लिए अब राजनीति में कोई भी रास्ता नहीं बचा है. मुख्यमंत्री ने 2015 में मिले जनादेश का अपमान किया और बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया जिसको जनता ने सत्ता से दूर रखा था.
2019 में जनता देगी जवाब
तेजस्वी ने कहा कि जनता सबसे बड़ी मालिक होती है और 2019 के लोकसभा चुनाव में वह जनादेश के साथ विश्वासघात करने वाले लोगों को धूल चटाने का काम करेगी. नीतीश पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने नोटबंदी का समर्थन सबसे पहले किया था मगर एक बार फिर उन्होंने पलटी मार दी है और अब नोटबंदी के हुए नुकसान को गिना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राजनीति में अब नीतीश की स्थिति वैसी हो गई है जैसे कि एक तरफ कुआं एक तरफ खाई. क्रिकेट की भाषा में लोगों को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि नीतीश की हालत उस कप्तान की तरह हो गई है जिसे खेलने का मौका ही नहीं मिलेगा.
मोदी ने भी पूरा नहीं किया वादा
दूसरी ओर, केंद्र को जुमलों वाली सरकार बताते हुए तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि पिछले 4 साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने जनता से किया हुआ कोई भी वादा पूरा नहीं किया. केंद्र ने ना तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया और ना ही विशेष पैकेज ही दिया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वादा किया था.
तेजस्वी ने कहा जैसे कि कर्नाटक में बीजेपी को सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था वैसे ही बिहार में भी आरजेडी को सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए. भाजपा पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनका इरादा देश के संविधान को बदलकर मनुवादी व्यवस्था को लागू करने का है
तेजस्वी ने लोगों से आह्वान किया कि गरीब, अभिवंचित, दबे, सताए, पिछड़े, दलित, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक गोलबंद हो जाए ताकि 2019 लोकसभा चुनाव में ऐसी ताकतों को हराया जा सके.
तेजस्वी के इन आरोपों का जवाब देते हुए जदयू ने भी पलटवार किया और सवाल पूछा कि आखिर लालू प्रसाद के जेल जाते ही देश और संविधान को ऐसा क्या हो गया था कि उन्होंने संविधान बचाओ यात्रा निकाली थी मगर उनके जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने यह यात्रा स्थगित कर दी और गरीब महासम्मेलन कर रहे हैं?