Vipin Kumar Singh

मिर्जापुर की दो छोड़ियां यूपी की टीम से राष्ट्रीय कबड्डी में ठोकेगी तालकोन ब्लाक की सोनम यादव व प्रिया यादव अंडर 14 में हुई चयनित,

मिर्जापुर
जिले के कोन ब्लाक के चेतगंज गांव निवासी सोनम यादव व श्रीपट्टी गांव की प्रिया यादव का चयन स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया के तत्वाधान में महाराष्ट्र के अमरावती में 10 से 12 दिसंबर के बीच आयोजित होने वाले 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी कबड्डी अंडर-14 छात्र/छात्रा प्रतियोगिता के लिए हुआ है।जो उत्तर प्रदेश कबड्डी टीम से राष्ट्रीय कबड्डी में प्रतिभाग करेगी।इस कामयाबी पर गांव के साथ जिले के लोगों ने बधाई दी है।चेतगंज गांव निवासी स्व० मनोज यादव की पुत्री एस०के०एस०डी इंटर कालेज मवैया में कक्षा 9 की छात्रा है।पिता के मौत के बाद बेटियों के पालन पोषण की जिम्मेदारी मां अनिता देवी पर थी।सोनम तीन बहनों में दूसरे नंबर पर है।घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी मां ने अपने बेटी के सपनों के उड़ान को पूरी मेहनत व लगन के साथ पिता की जिम्मेदारी को निभाकर पूरा किया।खेल के दौरान बहुत सी समस्याएं उपजी लेकिन मां अनिता देवी ने अपनी बेटी को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ा।लाख तकलिफे आई लेकिन उनसे लड़ते हुए अपनी बेटी को उसकी मंजिल दिलाया।आज सोनम की मां को गर्व है कि उसकी बेटी यूपी की कबड्डी टीम से प्रतिभाग कर राष्ट्रीय स्तर पर जिले व प्रदेश का नाम रौशन करने जा रही है।कबड्डी के क्षेत्र में जिले में अपनी पहचान के लिए चर्चित हो चुका जगापट्टी गांव में जिला कबड्डी एसोसिएशन सचिव हुबलाल के प्रशिक्षण में इस मुकाम पर पहुंची
सोनम यादव पहुंची है।इसके साथ ही इसी ब्लाक के श्रीपट्टी गांव निवासी महेश यादव की पुत्री मां गंगा शिक्षा निकेतन जूनियर हाई स्कूल तिलठी
मवैया में कक्षा 8 की छात्रा प्रिया यादव ने अपने बेहतरीन खेल की बदौलत यूपी की कबड्डी टीम से राष्ट्रीय कबड्डी में प्रतिभाग करेगी।ये दोनों बेटियां शुक्रवार की शाम डॉ० भीमराव अम्बेडकर राज्य विद्यालयी क्रीड़ा संस्थान उ०प्र० स्टेडियम, अयोध्या के लिए अपने घर से रवाना हो चुकी है जिसे शनिवार की सुबह 10 बजे तक रिपोर्टिंग करनी है।उसके बाद यूपी की कबड्डी टीम के साथ राष्ट्रीय कबड्डी में प्रतिभाग करने के लिए शाम को रवाना होगी।इस कामयाबी पर मंडलीय क्रीड़ा सचिव राजवन पटेल, जिला क्रीड़ा सचिव प्रवीण कुमार सिंह,प्रबंधक ममता मिश्रा ने बधाई दी है।

वाराणसी : – महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो• आनंद कुमार त्यागी जी ने ग्रीन आर्मी की महिलाओं से किए संवाद

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो• आनंद कुमार त्यागी जी ने ग्रीन आर्मी की महिलाओं से मुलाकात के दौरान कहा कि ग्रीन आर्मी की पहल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ग्रीन आर्मी ने प्रदेश के 270 गांवों की तस्वीर बदलने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अग्रसर है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का कार्य भी कर रही है। इस मौके पर जालांस के मालिक श्री केशव जालांस उपस्थित रहे…

वाराणसी : – महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो• आनंद कुमार त्यागी जी ने ग्रीन आर्मी की महिलाओं से किए संवाद
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो• आनंद कुमार त्यागी जी ने ग्रीन आर्मी की महिलाओं से मुलाकात के दौरान कहा कि ग्रीन आर्मी की पहल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ग्रीन आर्मी ने प्रदेश के 270 गांवों की तस्वीर बदलने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अग्रसर है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का कार्य भी कर रही है। इस मौके पर जालांस के मालिक श्री केशव जालांस उपस्थित रहे…

आपके मौजूदा लोन महंगे नहीं होंगे, न ही आपकी EMI बढ़ेगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों को 6.5% पर बरकरार रखा है। सेंट्रल बैंक ने लगातार 11वीं बार दरें नहीं बदली हैं। आखिरी बार फरवरी 2023 में ब्याज दर 0.25% बढ़ाकर 6.5% की गई थी।

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। यह मीटिंग हर दो महीने में होती है।

पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वाराणसी विद्युत वितरण खंड-मीरजापुर

बिजली बिल बकायेदारी से छुटकारा पाने का सुनहरा अवसर।
जल्दी आयें, ज्यादा छूट पायें।
समस्त भार के घरेलू(LMV-1), वाणिज्यिक(LMV-2), निजी संस्थानों(LMV-4B) एवं औद्योगिक(LMV-6) श्रेणी के बिजली बिल बकायेदार उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 द्वारा एक-मुश्त समाधान योजना 2024-25 दिनांक 15/12/2024 से दिनांक 31/01/2025 के मध्य तीन चरणों में लागू की जा रही है।
प्रथम चरण की अवधि-
दिनांक 15/12/2024 से दिनांक 31/12/2024 तक।
द्वितीय चरण की अवधि-
दिनांक 01/01/2025 से दिनांक 15/01/2025 तक।
तृतीय चरण की अवधि-
दिनांक 16/01/2025 से दिनांक 31/01/2025 तक।
योजना का लाभ लेने के लिए निकटतम खण्ड कार्यालय/उपखण्ड कार्यालय/विभागीय कैश काउंटर अथवा जनसेवा केंद्र पर सम्पर्क करें।
इसके अतिरिक्त विभागीय वेबसाइट uppcl.org पर जाकर योजना का लाभ प्राप्त कर सकतें हैं।

मिर्जापुर:- उत्तर प्रदेश के PROश्री विपिन कुमार सिंह द्वारा दिवाली की पावन अवसर पर गरीब असहाय, पिछड़ी बस्ती में जाकर मिठाई बांट उनके साथ खुशियाँ बांटी। इस कार्य के लिए विपिन सिंह का बहुत-बहुत आभार

मिर्जापुर:- उत्तर प्रदेश के PROश्री विपिन कुमार सिंह द्वारा दिवाली की पावन अवसर पर गरीब असहाय, पिछड़ी बस्ती में जाकर मिठाई बांट उनके साथ खुशियाँ बांटी। इस कार्य के लिए विपिन सिंह का बहुत-बहुत आभार

मिर्जापुर:- उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में नवरात्रि के पावन अवसर पर “माँ विंध्यवासिनी” विंध्याचल के दरबार मे श्रद्धालुओं के सुरक्षा एवं सहयोग हेतु क्षेत्रीय प्रसाशन के साथ अपनी सेवाएं देतें NCIB उत्तर प्रदेश इकाई के अधिकारीगण।

मिर्जापुर:- उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में नवरात्रि के पावन अवसर पर “माँ विंध्यवासिनी” विंध्याचल के दरबार मे श्रद्धालुओं के सुरक्षा एवं सहयोग हेतु क्षेत्रीय प्रसाशन के साथ अपनी सेवाएं देतें NCIB उत्तर प्रदेश इकाई के अधिकारीगण।

वाराणसी :- NCIB उत्तर प्रदेश के वाराणसी यूनिट के अधिकारियों ने वाराणसी: ममता रानी (P.P.S ) अपर पुलिस उपायुक्त (महिला अपराध ) कमिश्नरेट वाराणसी से मुलाकात की व नजदीकी थानों में जाकर शिष्टाचार भेंट की और NCIB के कार्यों के बारे अवगत कराया। पुलिस प्रशासन ने NCIB के अधिकारी को कहा कि जो जब भी मदद की जरूरत होगी,पूरी मदद की जायेगी। NCIB बहुत अच्छा कार्य कर रही है।

वाराणसी :- उत्तर प्रदेश के वाराणसी यूनिट के अधिकारियों ने वाराणसी: ममता रानी (P.P.S ) अपर पुलिस उपायुक्त (महिला अपराध ) कमिश्नरेट वाराणसी से मुलाकात की व नजदीकी थानों में जाकर शिष्टाचार भेंट की और NCIB के कार्यों के बारे अवगत कराया। पुलिस प्रशासन ने NCIB के अधिकारी को कहा कि जो जब भी मदद की जरूरत होगी,पूरी मदद की जायेगी। NCIB बहुत अच्छा कार्य कर रही है।

सावधानी से बैंकिंग करना ही आपको साइबर दुनिया में सुरक्षित रख सकता है, इसलिए हमेशा अपने बैंक खातों की अपडेट लेते रहें ताकि आपका बैंक खाता कभी भी किसी गलत गतिविधियों में इस्तेमाल न हो सके।

NCIB साईबर इकाई द्वारा जनहित में जारी…..फेसबुक पर आपकी फ्रेंडलिस्ट से ही कोई पुराना परिचित / दूर का रिश्तेदार अथवा किसी अन्य द्वारा ऐसा मैसेज तो हो जाएं सावधान, वरना पड़ेगा आपको पछताना।

नई दिल्ली। ‘हैलो कैसे हो’, ये मैसेज आज अचानक एक ऐसे परिचित की आईडी से मेरे फेसबुक मैसेंजर में आया, जिनसे पहले कभी मैसेंजर के जरिए बात ही नहीं हुई। माथा ठनका, फिर भी रिप्लाई में भाईसाब नमस्कार कहकर हाल-चाल पूछा। इसके बाद उधर से अगला मैसेज आया कि एक हेल्प चाहिए। पूछा कि क्या मदद चाहिए, तो दूसरी तरफ से मैसेज आया- अर्जेट कुछ पैसे चाहिएं, एक इमरजेंसी आ गई है, आप गूगल पे या फोन पे से 15 हजार रुपए भेज दो। बस, यहीं से मेरा शक यकीन में बदल गया कि ये फेसबुक आईडी किसी ने हैक कर ली है और अब फ्रेंडलिस्ट में शामिल लोगों से पैसे हड़पने के लिए ठगी की जा रही है।

• डेबिट और क्रेडिट कार्ड के बाद ठगी का नया तरीका।
दरअसल, अभी तक आपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए ही ऑनलाइन ठगी के बारे में सुना होगा, लेकिन अब एक नई तरह की ठगी के जरिए पैसे हड़पने का धंधा सामने आया है। पैसे हड़पने की ये ठगी ऐसी है कि आपको पहली बार में पता ही नहीं चलेगा कि सामने वाला आपको चूना लगा रहा है। इस नई ठगी में किसी की फेसबुक आईडी हैक की जाती है और उसके बाद उसकी फेंडलिस्ट में शामिल लोगों से मैसेंजर में कोई बहुत बड़ी मजूबरी बताकर पैसों की मांग की जाती है। कई बार लोग बातों में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।

• किन लोगों की आईडी हैक करना ज्यादा आसान।
ऐसे अपराधों को रोकने के रोकथाम हेतु कार्यरत संस्थान “नेशनल क्राइम इंवेस्टिगेशन ब्यूरो” के डायरेक्टर जनरल श्री सुरेश शुक्ला ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘उत्तर प्रदेश, दिल्ली और इससे सटे आस-पास के राज्यों समेत पूरे भारत में इस तरह के हथकंडे से नागरिकों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। पिछले कुछ माह में बहुत तेजी से में ऐसी कई घटनाएं हमारे सामने आ चुकी हैं, जब इस तरह की ठगी के जरिए लोगों से पैसे हड़प लिए गए। हालांकि ऐसी घटनाओं के लिए काफी हद तक लोगों की लापरवाही ही जिम्मेदार होती है। इस तरह के अपराध का शिकार वो लोग ज्यादा होते हैं जो अक्सर अपने मोबाइल नंबर या 123456789 जैसे किसी साधारण संख्या को ही अपना पासवर्ड बना लेते हैं। ऐसे लोगों की आईडी हैक करना साइबर अपराधियों के लिए बेहद आसान होता है।’

• इस तरह के फेसबुक अकाउंट पर भी अपराधियों की नजर।
सुरेश शुक्ला जी ने बताया कि कई बार लोग साइबर कैफे में अपना फेसबुक अकाउंट खोलते हैं और गलती से पासवर्ड सेव का ऑप्शन सेलेक्ट कर लेते हैं। ऐसे में उनके फेसबुक अकाउंट की जानकारी कूकीज में सेव हो जाती है और शरारती तत्व इस लापरवाही का फायदा उठा लेते हैं। इनके अलावा कुछ लोग अपने नाम से कई आईडी बना लेते हैं और बाद में उन्हें ऐसे ही छोड़ देते है। साइबर अपराधियों की नजर ऐसे फेसबुक अकाउंट्स पर भी होती है और इनके जरिए वो ठगी को अंजाम देते हैं।

• शिकार के लिए ऐसे की जाती है लोगों की पहचान।
सुरेश शुक्ला जी बताते हैं कि आमतौर पर 90% लोगों की फ्रेंडलिस्ट में 400-500 से ज्यादा ही फ्रेंड होते हैं। फेसबुक आईडी हैक करने वाला शख्स सबसे पहले उस आईडी की फ्रेंडलिस्ट के उन लोगों की लिस्ट बनाता है, जो इस आईडी की पोस्ट पर लगातार लाइक, कमेंट या शेयर करते रहते हैं। इसके बाद इन्हीं से ऐसे लोगों को चुना जाता है, जो महीने में एक-दो बार ही इस फेसबुक आईडी पर लाइक या कमेंट करते हैं। अपराधियों को इससे उन लोगों की पहचान हो जाती है, जो हैक किए गए फेसबुक यूजर के परिचित तो हैं, लेकिन उसके घर-परिवार के बारे में ज्यादा नहीं जानते। इससे फायदा ये होता है कि इन लोगों को परिवार की इमरजेंसी के नाम पर फंसाना आसान हो जाता है।

• मैसेंजर में इसलिए मांगी जाती है छोटी रकम।
इसके बाद मैसेंजर में ऐसे लोगों को मैसेज भेजकर परिवार के किसी सदस्य की बीमारी या कोई और इमरजेंसी बताकर 5 हजार से लेकर 15 हजार रुपयों तक की मांग की जाती है। ये रकम ऐसी है कि सामने वाला ठगी का अंदाजा नहीं लगा पाता और बिना सोचे रुपए ट्रांसफर कर देता है। उसे लगता है कि 5-10 हजार रुपए ही तो हैं, बाद में वापस कर देगा। छोटी रकम मांगने के पीछे दूसरा बडा़ कारण ये भी है कि पीड़ित ये सोचकर पुलिस में शिकायत नहीं करेगा कि इतने से रुपयों के लिए क्या भागदौड़ करें।

• पेटीएम, गूगल पे या फोन पे के जरिए मांगे जाते हैं रुपए।
पैसे ट्रांसफर के लिए पेटीएम, गूगल पे या फोन पे को जरिया बनाया जाता है। मैसेंजर में कहा जाता है कि मैं अस्पताल में हूं, कुछ पैसे कम पड़ रहे हैं और ये नंबर बिलिंग काउंटर का है। आगे कहा जाता है कि इस नंबर पर इतने रुपए भेज दो, मैं सुबह वापस कर दूंगा। एक बार जैसे ही उस नंबर पर पैसे ट्रांसफर हुए, उसके ठीक बाद नंबर बंद हो जाता है। और, जब तक इस ठगी का पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

• इस तरह की ठगी से कैसे बचें।
इस तरह की ठगी से बचने के लिए सुरेश शुक्ला जी बताते हैं कि लोगों को अपने मोबाइल नंबर को अपना फेसबुक पासवर्ड बनाने से बचना चाहिए। इसके अलावा दूसरी सामान्य जानकारी जैसे- जन्मतिथि, अपना नाम, पैनकार्ड नंबर आदि भी फेसबुक पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जब तक पासवर्ड मजबूत रहेगा, आपका फेसबुक अकाउंट हैक नहीं हो सकता। इसके अलावा साइबर कैफे में अपना फेसबुक अकाउंट या नेट बेकिंग करने से भी बचें। अपने फेसबुक का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहे और किसी और के सिस्टम या मोबाइल पर अपना फेसबुक अकाउंट ओपन ना करें।

सादर :-

साईबर अपराध सेल
नेशनल क्राइम इंवेस्टिगेशन ब्यूरो
नई दिल्ली, भारत
Helpline : 1800123112112
Email : help@ncib.in, Web : www.ncib.in

नोट : जन जागरुकता के उद्देश्य से कृपया इस पोस्ट को अपने समस्त ग्रूप एवं फेसबुक पोस्ट पर जादा से जादा शेयर करे।

आगरा :- NCIB आगरा जिले में ट्रांस यमुना चौकी छेत्र मैं प्रशांत जी और आशीष जी दिवाली के अवसर पर पुलिस प्रशासन के साथ गस्त करते हुए ।